
गुजरात में अब तक फर्जी अधिकारी खुद को पीएम ऑफिस और सीएम ऑफिस में काम करने की बात कहकर लोगों को धोखा देते हुए पकड़े जाते थे, लेकिन अब फर्जी सरकारी दफ्तर भी सामने आया है. छोटा उदयपुर में फर्जी सरकारी दफ्तर बनाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है. फर्जी सरकारी कार्यालय स्थापित करने और सरकार को 4.15 करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला दर्ज किया गया है.
आरोपी संदीप राजपूत पर फर्जी कार्यालय बनाकर अनुदान प्राप्त करने का खुलासा हुआ है. कार्यपालन अभियंता सिंचाई परियोजना बोडेली के नाम से फर्जी सरकारी कार्यालय बनाया गया और आदिवासी विभाग से अनुदान भी पारित किया गया. चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस फर्जी सरकारी दफ्तर ने 93 विकास कार्यों के नाम पर 4 करोड़ 15 लाख से ज्यादा की ग्रांट हासिल की है.
बनाए थे सरकारी दफ्तर से नकली कागजात और दस्तावेज
पुलिस को मिली फरियाद के मुताबिक आरोपी संदीप ने साल 2021 से 2023 तक फर्जी सरकारी दफ्तर से नकली कागजात और दस्तावेज बनाए थे. जिसके आधार पर 93 अलग-अलग विकास कामों के लिए सरकार से 4.15 करोड़ रुपये मंजूर करवाये और पैसे ले भी लिए. पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर 12 दिन की रिमांड पर लिया है. पुलिस अब जांच कर रही है कि यह कैसे किया गया साथ ही इसमें कोई सरकारी अधिकारी शामिल है या नहीं?
बनाया गया था सिंचाई विभाग का फर्जी सरकारी कार्यालय
संदीप ने एक सरकारी कार्यालय बनाया था. जो सिंचाई विभाग का काम करता था, जहां से वह सिंचाई कार्यों के लिए प्रस्ताव भेजे गए और पास भी हो गये, लेकिन आखिरकार जब कार्यालय को लेकर संदेह हुआ, तो पूरा मामला सामने आया.