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9 माह पहले फेफड़े न मिलने पर गंवा दिया था बेटा... लेकिन अब ब्रेन डेड मां दे गई 5 लोगों को नई जिंदगी

Gujarat News: 9 महीने पहले दंपति ने अपने बेटे को खो दिया दिया था, क्योंकि उसको समय पर फेफड़े नहीं मिल पाए थे. इसलिए तब से पति-पत्नी ने तय कर लिया था कि अंगदान जरूर करेंगे ताकि किसी और को नया जीवन मिल सके. 

(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हेताली शाह
  • खेड़ा ,
  • 06 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

Gujarat News: खेड़ा जिले के मुलजीभाई पटेल यूरोलॉजिकल किडनी अस्पताल में एक ब्रेन डेड महिला के लिवर, किडनी, आंखें दान की गईं. इन अंगों से पांच लोगों को नया जीवन मिला है. 

खेड़ा के नडियाद से सटे आणंद के वलासण में रहने वाले महेशभाई पटेल की पत्नी 70 साल की भानुमतिबेन 4 दिसंबर के दिन बाथरूम में गिरने की वजह से ब्रेन हैमरेज हो गया था. जिसके बाद भानुमति बेन को तत्काल इलाज के लिए ले जाया गया.

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इससे पहले 9 महीने पहले दंपति ने अपने बेटे परिमल को खो दिया दिया था, क्योंकि उसको समय पर फेफड़े नहीं मिल पाए थे. इसलिए तब से पति-पत्नी ने तय कर लिया था कि अंगदान जरूर करेंगे ताकि किसी और को नया जीवन मिल सके. 

इसके चलते महेशभाई पटेल ने नडियाद के किडनी अस्पताल से संपर्क करने और अपना अंग दान करने का फैसला लिया. इस पूरी प्रक्रिया को 5 दिसंबर को अंजाम दिया गया. जिसमें महिला का लिवर, दो किडनी और दो आंखें दान की गई हैं. लिवर को तुरंत अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंचाने के लिए एक विशेष वैन में भेजा गया है. दोनों किडनी नडियाद मुलजीभाई पटेल यूरोलॉजी अस्पताल में दान की गई हैं और दोनों आंखें अहमदाबाद सिविल अस्पताल में दान की गई हैं.

किडनी अस्पताल में दान की गई दो किडनियों में से एक 72 साल के बुजुर्ग को ट्रान्सप्लांट की गई. वहीं, भानुमतिबेन की किडनी मिलने से 42 साल के एक मरीज को भी नया जीवन मिला है.

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इस मामले में महेशभाई पटेल ने कहा, उनके बेटे परिमल की 9 महीने पहले फेफड़ों की बीमारी के कारण मौत हो गई थी. काफी प्रयास करने के बाद भी बेटे के लिए फेफड़े नहीं मिल पाए थे. इस वजह से हमने अपने अंगदान करने का फैसला लिया था. पत्नी के अंगदान से अब पांच लोगों को नई जिंदगी मिलेगी. 

आणंद के महेश पटेल परिवार ने अपने रिश्तेदारों के अंग दान कर समाज के लिए एक अनूठी मिसाल कायम की है. दूसरी ओर मुलजीभाई यूरोलॉजिकल हॉस्पिटल के डॉ दिनेश प्रजापति ने भी मानव जीवन बचाने के लिए गए महेशभाई के फैसले को सराहनीय बताया.

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