Advertisement

गुजरात: 2022 की सियासी बिसात बिछाने में जुटी बीजेपी, विधायकों और पदाधिकारियों संग बैठक आज

गुजरात में अगले साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. पार्टी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने पिछले तीन दिनों से राज्य में डेरा जमा रखा है और सरकार तथा संगठन के बीच बेहतर तालमेल बनाने में जुट गए हैं.

गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल और प्रभारी भूपेंद्र यादव गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल और प्रभारी भूपेंद्र यादव
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 15 जून 2021,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST
  • गुजरात में आज बीजेपी विधायकों की बैठक होगी
  • भूपेंद्र यादव तीन दिनों से लगातार बैठक कर रहे
  • बीजेपी 2022 के चुनाव में अभी से सक्रिय हो गई

गुजरात में अगले साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात अभी से बिछाई जाने लगी है. सरकार और संगठन में बेहतर समन्वय बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में लगातार मंथन का दौर चल रहा है. संगठन नेताओं के साथ कई दौर की मीटिंग के बाद अब बीजेपी ने अपने सभी विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों को एक साथ आज मंगलवार की शाम गांधीनगर में अहम बैठक बुलाई है. 

Advertisement

माना जा रहा है कि बीजेपी इस बैठक के जरिए पार्टी और सरकार में गुटबाजी के दूर करने और 2022 के चुनावी जंग फतह करने की रणनीति को अमलीजामा पहनाने का काम करेगी. इतना ही नहीं गुजरात में आम आदमी पार्टी की तेजी से बढ़ती सक्रियता को लेकर भी बीजेपी चिंतित हो गई है. ऐसे में बीजेपी की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है.

दरअसल, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के बीच काफी समय से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सरकार और संगठन दोनों में अपनी-अपनी अलग गुटबाजी चल रही है, जिससे बीजेपी की चिंता बढ़ रही है. ऐसे ही पार्टी और सरकार गुटबाजी बनी रही तो 2022 में होने वाले गुजरात चुनाव में बीजेपी को सियासी तौर पर काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. यही वजह है कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया है, जिसके तहत गुजरात के बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार से राज्य में डेरा जमा रखा है.

Advertisement
भूपेंद्र यादव, सीआर पाटिल, विजय रुपाणी

भूपेंद्र यादव शनिवार से ही गुजरात बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर मंथन करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में आज 15 जून को सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए सभी विधायकों और पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई गई है. राज्य के निगम बोर्ड में नियुक्तियों और मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भी चर्चा होनी है ताकि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को एडजस्ट किया जा सके.

AAP की सक्रियता से बढ़ी चिंता

बैठक में सबसे महत्वपूर्ण आगामी विधानसभा चुनाव का मुद्दा है. बीजेपी कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले केंद्र और राज्य सरकार के कामकाज की जानकारी घर-घर तक पहुंचाना चाहती है. साथ ही सरकार एवं संगठन को सभी तरीके से चुस्त-दुरुस्त कर लेना चाहती है. प्रभारी यादव लंबे समय बाद गुजरात आए हैं और तीन दिनों से रहकर वह सरकार एवं संगठन की गतिविधियों का आकलन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं. 

वहीं, बीजेपी के लिए गुजरात में चिंता आम आदमी पार्टी की सक्रियता से भी बढ़ गई है. अभी तक राज्य में बीजेपी की सीधी लड़ाई कांग्रेस से हुआ करती थी, लेकिन निगम चुनाव में जिस तरह से आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रदर्शन किया है. इतना ही नहीं पाटीदार समुदाय जिस तेजी से आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ रहा है, उसके चलते भी बीजेपी अपनी रणनीति नए सिरे से बनाने में जुट गई है. गुजरात में पाटीदार समुदाय काफी अहम माने जाते हैं और बीजेपी के कोर वोटर भी हैं. 

Advertisement

केजरीवाल का अहमदाबाद दौरा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ही अहमदाबाद का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यलय का उद्घाटन करने के साथ-साथ कहा है कि गुजरात में बीजेपी-कांग्रेस का गठजोड़ है. आम आदमी पार्टी जनता को एक नया विकल्प देगी. केजरीवाल ने कहा कि 75 साल से जनता ने कांग्रेस -बीजेपी को वोट दिया, लेकिन जनता को इन लोगों ने बदहाल बना दिया.

इसे भी क्लिक करें --- कैसे हुआ LJP में चिराग तले अंधेरा? जानें 'अपनों' के बगावत की इनसाइड स्टोरी

उन्होंने कहा कि युवा बेरोजगार हैं तथा किसान आत्महत्या कर रहे हैं. बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है और लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना पड़ रहा है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों को बिजली मुफ्त, पानी मुफ्त दिया तथा बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं दी है. गुजरात के लोगों को भी इन सब सुविधाओं को पाने का हक है, बीजेपी और कांग्रेस पिछले 27 साल से गुजरात में गठजोड़ की राजनीति कर रहे हैं. प्रदेश में राजनीतिक विकल्प हीनता का माहौल है, जिसे हम भरेंगे. 

गुजरात में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में अपनी सियासी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है. ऐसे में केजरीवाल ने गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस का विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी को पेश कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी केजरीवाल की सक्रियता को लेकर भी अलर्ट हो गई है और मंगलवार को होने वाली बैठक में इस दिशा में भी मंथन होगा ताकि 2017 जैसी स्थिति इस बार न बन सके.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement