
गुजरात के सूरत में 20 महीने का एक ब्रेन डेड घोषित हो चुका बच्चा ऑर्गन डोनर बना है. इस बच्चे के किडनी, लीवर और दोनों नेत्रों के दान से पांच अन्य बच्चों को जीवनदान मिला है. ऑर्गन डोनेट करने की प्रक्रिया सूरत की डोनेट लाइफ संस्था ने करवाई.
जानकारी के अनुसार, सूरत के पालनपुर पाटिया कैनाल रोड वीरपुर मंदिर के पास रहने वाले यश अजय कुमार गज्जर एक प्राइवेट बैंक में काम करते हैं. 28 दिसंबर की रात करीब 7 बजे उनका 20 महीने का पुत्र रियांश घर की पहली मंजिल से गिर गया था. इससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं.
इसके बाद रियांश को फौरन अमर चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान 1 जनवरी को डॉक्टरों ने 20 महीने के रियांश को ब्रेन डेड घोषित कर दिया.
इसके बाद रियांश के परिजनों ने ब्रेन डेड घोषित हो चुके बच्चे के अंगदान करने के लिए सूरत की डोनेट लाइफ संस्था के नीलेश भाई मांडलेवाला से संपर्क किया. परिवार के लोगों ने अंगदान से पहले यही सोचा कि उनका बच्चा तो नहीं रहा, ऐसे में उसके अंग किसी को दान करके नया जीवन दिया जा सकता है. उसके अंगों से वह फिर से दूसरों के शरीर में जीवित रहेगा.
डोनेट लाइफ की संस्था की टीम ने पूरी कराई प्रक्रिया
जानकारी के बाद डोनेट लाइफ की संस्था की टीम अस्पताल पहुंची और रियांश के पिता यश गज्जर, माता ध्वनि गज्जर, दादाजी अजय गज्जर और दादी मेघनाबेन गज्जर सहित परिवार के अन्य लोगों को अंगदान से संबंधित प्रक्रिया को समझाया. परिवार की सहमति के बाद अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई.
डोनेट लाइफ ने SOTTO से संपर्क किया. SOTTO ने दोनों किडनी अहमदाबाद की IKRDC को दीं. इसके अलावा ROTTO मुंबई द्वारा लिवर मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल में दिया गया. वहीं हार्ट और फेफड़े दान करने की परिवार ने सहमति दी थी, लेकिन ब्रेन डेड रियांश के ब्लड ग्रुप वाले छोटे बच्चों के नाम हार्ट और फेफड़े के लिए रजिस्टर्ड नहीं था. इसलिए दान की प्रक्रिया नहीं की गई.
12 साल के बच्चे के शरीर में हुआ लिवर का ट्रांसप्लांट
डोनेट लाइफ संस्था के निलेश मांडलेवाला ने बताया कि ब्रेन डेड रियांश गज्जर के लिवर का ट्रांसप्लांट महाराष्ट्र अहमदनगर जिला के निवासी 12 वर्षीय बच्चे के शरीर में मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया गया, जबकि दोनों किडनी का ट्रांसप्लांट जरूरतमंद बच्चों के शरीर में अहमदाबाद के IKRDC हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट किया जाएगा.
निलेश ने बताया कि लिवर को सड़क मार्ग से ले जाने के लिए पहली बार सूरत से मुंबई तक का 281 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. सूरत से मुंबई तक 281 किलोमीटर का यह सफर 225 मिनट में पूरा हुआ और लिवर मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल में पहुंचाया गया. सूरत से मुंबई तक के बीच गुजरात और महाराष्ट्र के विविध जिलों की पुलिस ने सहयोग दिया. गुजरात बॉर्डर भिलाड चेक पोस्ट से मुंबई नानावटी हॉस्पिटल तक के ग्रीन कॉरिडोर पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नजर रखी.
अब तक 1205 अंगों का दान करवा चुकी है संस्था
निलेश मांडलेवाला ने बताया कि हृदय, फेफड़े, हाथ, छोटी आंत, लिवर, किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को देश के अलग-अलग शहरों में समय से पहुंचने के लिए सूरत पुलिस द्वारा अभी तक 113 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं. संस्था द्वारा सूरत और दक्षिण गुजरात से अभी तक 1205 अंगों का दान करवाया गया है, जिसमें 494 किडनी, 213 लीवर, 50 हार्ट, 46 फेफड़े, 8 पेनक्रियाज, 4 हाथ, एक छोटी आंत और 389 नेत्रों का दान हुआ है, जिससे देश और विदेश के कुल 1106 व्यक्तियों को नया जीवन और नई दृष्टि देने में सफलता मिली है.