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कहानी जूही शेख की... जिसे अरेस्ट करने के लिए भाई-बहन पति-पत्नी और 'मुस्लिम' बने पुलिसकर्मी

सूरत पुलिस ने एक महिला को पकड़ा है. इसका नाम जूही शेख है. एक वारदात को अंजाम देने के बाद इसने मुस्लिम बहुल इलाके में पनाह ले रखी थी. इसकी तलाश में पुलिस की टीम को पठानी सूट और बुर्के में रहकर कई दिनों तक खाक छाननी पड़ी. आखिरकार इसको पकड़ने में पुलिस को सफलता मिल गई.

सूरत पुलिस की गिरफ्त में महिला. सूरत पुलिस की गिरफ्त में महिला.
संजय सिंह राठौर
  • सूरत ,
  • 25 मई 2023,
  • अपडेटेड 8:14 PM IST

तस्वीर में दिख रही इस महिला को पकड़ने के लिए गुजरात की सूरत पुलिस ने दिन-रात एक कर दिए. इसके बाद इसे आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से अरेस्ट करके सूरत लेकर पहुंची. महिला का नाम जूही शेख है. इसको पकड़ना कितना कठिन था, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 6 पुलिसकर्मियों की टीम इसकी तलाश में जुटी थी. इसमें 2 महिला और 4 पुरुष पुलिसकर्मी कभी भाई-बहन तो कभी पति-पत्नी बनकर उसकी तलाश करते थे. इतना ही नहीं मुस्लिम बहुल इलाके में पनाह लेने वाली इस महिला को पकड़ने के लिए टीम को कई और दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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सूरत पुलिस के एसीपी बी. एम. चौधरी बताते हैं, 16 मार्च 2023 को सूरत शहर के रांदेर इलाके में रहने वाली एक महिला प्रोफेसर ने सूरत रेलवे स्टेशन के आसपास ट्रेन के आगे कूदकर खुद खुदकुशी कर ली थी. शुरुआत में इस मामले की जांच रेलवे पुलिस कर रही थी. इसमें महिला की कॉल डिटेल्स से पता चला कि महिला के फोन पर पाकिस्तानी नंबर से फोन कॉल आए थे. 

महिला को पकड़ने के लिए कुछ इस तरह रहते थे पुलिसकर्मी

इस खुलासे के बाद प्रोफेसर की खुदकुशी की जांच सूरत के रांदेर थाना पुलिस को सौंप दी गई. पुलिस ने महिला की कॉल डिटेल और बैंक अकाउंट की डिटेल के आधार पर बिहार के जमुई से 3 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान पूछताछ में पचा चला कि ये लोग जूही शेख नाम की महिला के संपर्क में थे.

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इसी के चलते प्रोफेसर ने कर ली थी खुदकुशी

इन लोगों ने प्रोफेसर को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया था और उससे रुपये भी ऐंठे थे. इसी के चलते प्रोफेसर ने खुदकुशी कर ली थी. मामले की जांच में पता चला कि जूही शेख ही वो महिला थी जो बिहार से पकड़े गए तीनों लोगों से रुपये ट्रांजेक्शन करवा लेती थी. इसका पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया. 

इसके बाद पुलिस ने जूही को पकड़ने के लिए प्लान तैयार किया. पुलिस को उसका मोबाइल नंबर मिल गया था. साथ ही उसकी लोकेशन भी ट्रेस हो गई. इसी के साथ पुलिस के सामने एक समस्या खड़ी हो गई. पुलिस को ये नहीं पता चल पा रहा था कि जूही किस घर में मौजूद है. मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने की वजह से पुलिस ने मुस्लिम लोगों की तरह कपड़े पहने और नाम भी बदले. 

किराए का घर ढूंढने के बहाने से घूमा करती थी टीम

सूरत पुलिस की एक टीम किराए का घर ढूंढने के बहाने से घूमा करती थी. इस टीम में 4 पुलिसकर्मी पुरुष और 2 महिला पुलिसकर्मी थीं. जो आपस में कभी भाई-बहन बन जाते थे तो कभी पति-पत्नी बनकर इलाके में जूही को खोजने के लिए निकल पड़ते थे. इस टीम ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में लगातार तीन दिनों तक डेरा डाले रखा.

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इसके बाद जैसे ही उसकी एक्यूरेट लोकेशन कंफर्म हुई, टीम ने धर-दबोचा और ट्रांजिट रिमांड के लिए वहां की कोर्ट में पेश कर सूरत ले आई. सूरत पुलिस के ACP ने बताया कि इस महिला को पकड़ना बेहद मुश्किल था, मगर उनकी टीम को सफलता मिली है.

 

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