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गुजरात: सूरत में बिजली कटौती की मार, परेशान कारोबारी बोले- कोई सुनवाई नहीं

सूरत शहर के कारोबारी बिजली कटौती से परेशान हैं. कई बार शिकायत करने के बाद भी समस्या से कोई निजात नहीं मिल रही है. कारोबारियों का कहना है कि अगर समस्या ऐसी ही बनी रही तो हम सबको भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा.

बिजली कटौती से कारोबारी परेशान बिजली कटौती से कारोबारी परेशान
संजय सिंह राठौर
  • सूरत ,
  • 10 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

एशिया के सबसे बड़े टेक्सटाइल हब कहे जाने वाले सूरत शहर के कारोबारी बिजली कटौती से परेशान हैं. इसके लिए कारोबारी व संगठन बिजली विभाग से शिकायत भी कर चुके हैं. बावजूद इसके कोई राहत नहीं मिली है.

पिछले 30 महीनों से सूरत में बिजली सप्लाई से वीविंग टेक्सटाइल कारोबारी बेहद परेशान हैं. इसका फिलहाल उन्हें कोई अंत नजर नहीं आ रहा है. कई बार शिकायत के साथ ही टेक्सटाइल कारोबारी बिजली विभाग ऑफिस का घेराव और धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. बावजूद इसके बिजली विभाग पर कोई असर नहीं हुआ है. 

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सूरत वीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और टेक्स्टाइल कारोबारी विजय भाई मांगुकिया ने बताया कि बिजली कटौती की समस्या के चलते कारोबारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. बिजली सप्लाई में कट होने से मशीनों में लगे मोटर जल जाते हैं. बिजली बिल ज्यादा आता है और कपड़े का उत्पादन कम होता है.

कारोबारियों ने बताया कि बिजली सप्लाई के दौरान एक बार पावर कट होने से वीविंग यूनिट फिर से चालू करने से 2 हजार रुपये का नुकसान होता है. बिजली कटौती की समस्या से सूरत में कीम, करंज,पीपोदरा, सायन, गोथान, जोलवा, सचिन और पलसाना सहित अनेक औद्योगिक क्षेत्र के कारोबारी परेशान हैं. 

इसको लेकर फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक भाई जीरावाला, सचिन जीआईडीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र रामोलिया और सूरत वीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय भाई मांगुकिया लगातार आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने बिजली विभाग के साथ ही गुजरात सरकार से भी इस संबंध में बात की है. सरकार को टेक्स्टाइल यूनिट चलाने वाले कारोबारियों की परेशानी के बारे में भी बताया है. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. इससे कारोबारियों में निराशा के साथ ही रोष भी है. कारोबारियों का कहना है कि इस तरह से उनका कारोबार चौपट हो जाएगा. समय पर काम न हो पाने से उनको कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. 

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