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साधु के भेष में मिला अंडरवर्ल्ड डॉन... 21 साल बाद CID के शिकंजे में, कभी छोटा राजन के लिए करता था काम

सूरत की सीआईडी क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने एक साधु के भेष में उस अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो दो दशक से पुलिस के लिए एक पहेली बना हुआ था. यह कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि भारत के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर्स में से एक अंडरवर्ल्ड डॉन बंटी पांडे है. साल 2004, गुजरात के वापी में एक बड़े उद्योगपति के बेटे का अपहरण कर पांच करोड़ की फिरौती मांगी गई थी.

सीआईडी की गिरफ्त में अंडरवर्ल्ड डॉन बंटी पांडे. (Screengrab) सीआईडी की गिरफ्त में अंडरवर्ल्ड डॉन बंटी पांडे. (Screengrab)
संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 28 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

गुजरात के वापी में साल 2004 में उद्योगपति के बेटे का अपहरण कर 5 करोड़ की फिरौती और हत्या के जुर्म में सीआईडी क्राइम ने अंडरवर्ल्ड डॉन बंटी पांडे की गिरफ्तारी की है. अंडरवर्ल्ड डॉन बंटी पांडे कभी छोटा राजन के लिए काम करता था. इसके बाद उसने खुद गैंग बना ली. वापी में किडनैपिंग और कत्ल को बंटी पांडे के साथी भूपेंद्र वोरा और संजय सिंह ने अंजाम दिया था. बंटी पांडे ने वापी के उद्योगपति को फोन करके धमकी दी थी और फिरौती की मांगी थी.

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अंडरवर्ल्ड डॉन बंटी पांडे साधु के भेष में पकड़ा गया है. उसके ऊपर हत्या और फिरौती के कई मामले भारत के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज हैं. गुजरात के वापी में आइडियल ट्रेडिंग कंपनी के संचालक मुतूर अहमद कादिर खान के पुत्र अबूबजर खान का 2004 में अपहरण कर लिया था. ट्रांसपोर्ट और नेटवर्किंग के धंधे से जुड़े खान परिवार के बेटे का अपहरण करने के बाद फोन कर 5 करोड़ की फिरौती मांगी थी.

अंडरवर्ल्ड माफिया बंटी पांडे के नाम से आए धमकी भरे फोन के बाद खान परिवार ने 5 करोड़ रुपये देने की बात कही थी और उन्होंने दुबई में एक संबंधी के जरिए पांच करोड़ रुपये चुका भी दिए थे. इसके बाद बंटी पांडे गैंग ने खान परिवार के बेटे से बात नहीं करवाई थी. जब परिवार को शंका हुई तो वापी पुलिस से संपर्क किया. इसी बीच घोलवड क्षेत्र से अपहरण हुए उद्योगपति के बेटे की लाश बरामद की गई थी, लेकिन सिर नहीं मिला था.

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इस मामले में उस वक्त सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने केस की जांच के दौरान संजय उर्फ संजय सिंह उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया था. उससे पूछताछ की गई तो वापी के उद्योगपति के बेटे की हत्या किए जाने का खुलासा हुआ था. महाराष्ट्र बॉर्डर के असवाली डैम इलाके में हत्याकांड को अंजाम दिया गया था,जिससे यह कंफर्म हुआ था कि उद्योगपति के बेटे की गला रेत कर हत्या की गई.

इस कांड में बंटी पांडे के राइट हैंड भूपेंद्र वोरा, छोटू धोबी और विनोद की मिलीभगत सामने आई थी. बंटी पांडे सहित उसके गुर्गों को वांटेड घोषित किया गया था. अलग-अलग देशों में फरार रहने वाले बंटी पांडे ने साल 2001 में वियतनाम में सरेंडर कर दिया था. उसके बाद सीबीआई उसे भारत लेकर आई थी और मुंबई पुलिस के हवाले किया था.

देश के कई राज्यों में दर्ज अलग-अलग मामलों में बंटी पांडे जेल में रहा था. उद्योगपति के पुत्र अबूबजर के अपहरण और हत्याकांड की जांच सीआईडी क्राइम को सौंपी गई थी. बंटी पांडे की गिरफ्तारी के बाद सीआईडी क्राइम द्वारा दिल्ली की तिहाड़ जेल में वारंट जमा करवाया था. बंटी पांडे नैनीताल की अल्मोड़ा जेल में था, उसकी गिरफ्तारी के लिए 10 साल पहले सीआईडी क्राइम ने वारंट दिया था. उस वारंट के तहत उसे सूरत की लाजपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया था, जहां से सीआईडी क्राइम ने उसकी गिरफ्तारी कर चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है.

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