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बाहुबली अंदाज में निकली शोभायात्रा, 12 साल का भव्य आज लेगा दीक्षा

भव्य शाह की दीक्षा के ठीक एक दिन पहले बाहुबली अंदाज में शोभायात्रा निकली. भव्य शाह अपने माता-पिता, भाई के साथ नजर आए. सैकड़ों लोगों की भीड़ रथ के आगे पीछे चल रही थी और ढोल नगाड़े बज रहे थे. घुड़सवार भी साथ में चल रहे थे. हीरा कारोबारी के बेटे भव्य शाह के स्वागत में बाहुबली फिल्म की थीम पर यह शोभा यात्रा निकाली गई.

भव्य शाह भव्य शाह
गोपी घांघर/वरुण शैलेश
  • अहमदाबाद,
  • 19 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

सूरत के एक हीरा कारोबारी का 12 वर्षीय बेटा गुरुवार की सुबह से सांसारिक सुखों का त्याग कर उस रास्ते पर चलना शुरू कर देगा, जिसके बच्चे या बड़े सोच भी नहीं सकते हैं. जी हां, हीरा कारोबारी दीपेश शाह के सबसे छोटे बेटे भव्य शाह जैन धर्म के अनुसार दीक्षा लेने वाले हैं. सूरत में दीक्षा से पहले बुधवार को ढोल नगाड़े के साथ शोभा यात्रा निकाली गई थी, जिसमें तपस्वी बनने जा रहे भव्य शाह नाचते झूमते नजर आ रहे थे.

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भव्य शाह की दीक्षा के ठीक एक दिन पहले बाहुबली अंदाज में शोभायात्रा निकली. भव्य शाह अपने माता-पिता, भाई के साथ नजर आए. सैकड़ों लोगों की भीड़ रथ के आगे पीछे चल रही थी और ढोल नगाड़े बज रहे थे. घुड़सवार भी साथ में चल रहे थे. हीरा कारोबारी के बेटे भव्य शाह के स्वागत में बाहुबली फिल्म की थीम पर यह शोभा यात्रा निकाली गई.

भव्य महज 12 वर्ष की उम्र में जैन धर्म की दीक्षा लेने जा रहे हैं. दीक्षा के बाद वह कठोर जीवन अपना लेंगे. खेलने कुदने की इस उम्र में भव्य शाह ने संत बनने का निर्णय क्यों लिया है, यह सवाल सभी के मन में उठना स्वाभाविक है. इसी पर भव्य शाह का कहना है कि सांसारिक जीवन में कदम-कदम पर, पल-पल पाप होता है. पाप की इस दुनिया से दूर रहने के लिए उन्होंने संत बनने का रास्ता खुद ही चुना है.

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भव्य के फैसले से परिवार खुश

भव्य के इस फैसले में उनके माता पिता भी उनके साथ हैं. उन्हें अपने बेटा के संत बनने के इस फैसले का गर्व है. दादी शारदा बेन शाह भावुक होकर कहती हैं कि भव्य का जन्म नाग पंचमी को हुआ था और उसके जन्म के साथ ही समझ गई थी कि उनके परिवार में किसी महान आत्मा ने जन्म लिया है. भव्य शाह की दादी को पोते के फैसले पर गर्व है.

दिलचस्प बात है कि भव्य कि बड़ी बहन दो साल पहले दिक्षा लेकर संसार का त्याग कर चुकी हैं. अपने परिवार में भव्य दूसरे ऐसे शख्स हैं जो दीक्षा लेने जा रहे हैं.  

बता दें कि हीरा कारोबारी दीपेश शाह के परिवार में दो बेटे और एक बेटी है. बेटी प्रियांशी ने चार साल पहले ही 12 वर्ष की उम्र में ही दीक्षा लेकर घर-संसार त्याग दिया था और अब भव्य ने भी ऐसा ही किया.

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