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हाईकोर्ट पहुंचे तुषार गांधी, साबरमती आश्रम रिडेवलपमेंट प्लान को दी चुनौती

तुषार गांधी ने गुजरात सरकार के इसी पुनर्विकास प्रस्ताव के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इस याचिका में तुषार गांधी ने मांग की है कि पुनर्विकास की योजना ट्रस्टों द्वारा कराई जाए, जो दशकों से परिसर का प्रबंधन कर रहे हैं.

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी (फाइल फोटो) महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी (फाइल फोटो)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 28 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 10:22 AM IST
  • साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे तुषार
  • गुजरात सरकार ने आश्रम के पुनर्विकास का प्रस्ताव दिया

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया है. दरअसल, गुजरात सरकार ने साबरमती आश्रम के पुनर्विकास का प्रस्ताव दिया है. तुषार गांधी ने गुजरात सरकार के इसी पुनर्विकास प्रस्ताव के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. 

इस याचिका में तुषार गांधी ने मांग की है कि पुनर्विकास की योजना ट्रस्टों द्वारा कराई जाए, जो दशकों से परिसर का प्रबंधन कर रहे हैं. 

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क्या है सरकार का प्रस्ताव?
माना जा रहा है कि इस याचिका पर दिवाली की छुट्टी के बाद सुनवाई होगी. गुजरात सरकार ने महात्मा गांधी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए साबरमती आश्रम का पुनर्विकास करने का प्रस्ताव किया है. सरकार 54 एकड़ में फैले इस आश्रम व इसके आसपास स्थित 48 हेरिटेज प्रॉपर्टी को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है. 

वहीं, महात्मा गांधी के तीसरे पुत्र मनिलाल के बेटे अरुण गांधी के बेटे तरुण गांधी ने याचिका में 1,200 करोड़ रुपये के साबरमती आश्रम के पुनर्विकास परियोजना को चुनौती दी है. उन्होंने कहा, ये राष्ट्रपिता की इच्छाओं और विचारधारा के खिलाफ है. 

याचिका में गुजरात सरकार समेत 6 प्रतिवादी
इस याचिका में गुजरात सरकार, साबरमती आश्रम की विभिन्न गतिविधियों की देखभाल करने वाले छह ट्रस्टों, गांधी स्मारक निधि नामक चेरिटेबल ट्रस्ट, अहमदाबाद नगर निगम तथा प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य सभी लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है. 
 
तुषार गांधी ने इन ट्रस्टों से सवाल किया कि वे अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा पा रहे हैं? उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें दखलंदाजी की इजाजत नहीं देना चाहिए, क्योंकि गांधी स्मारक निधि का संविधान कहता है कि बापू आश्रम व स्मारकों को सरकार व राजनीतिक प्रभाव से दूर रखा जाना चाहिए. 

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