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...जब गुजरात के CM को पाकिस्तानी फाइटर पायलट ने मार डाला

जवाब देने वालों का बहुमत बलवंत राय मेहता के पक्ष में आया. यही जवाब सही भी था. बलवंत राय मेहता गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री थे और देश में पंचायती राज संस्थाओं के चैंपियन माने जाते हैं.

पाकिस्तानी फाइटर विमान (फाइल फोटो) पाकिस्तानी फाइटर विमान (फाइल फोटो)
नंदलाल शर्मा
  • अहमदाबाद ,
  • 10 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ने से पहले कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक सर्वे किया था. #नोयोरलीगेसी के तहत किए गए इस सर्वे में कांग्रेस ने पूछा था कि गुजरात के किस मुख्यमंत्री को पंचायती राज का शिल्पकार माना जाता है. दिए गए चार विकल्पों में आनंदीबेन पटेल, केशुभाई पटेल, बलवंत राय मेहता और नरेंद्र मोदी का नाम था.

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जवाब देने वालों का बहुमत बलवंत राय मेहता के पक्ष में आया. यही जवाब सही भी था. बलवंत राय मेहता गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री थे और देश में पंचायती राज संस्थाओं के चैंपियन माने जाते हैं.

हालांकि बहुत सारे लोगों को नहीं पता होगा कि बलवंत राय मेहता ही देश के एक मात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो दुश्मन देश के हाथों मारे गए. 19 सितबंर 1965 को भारत-पाकिस्तान सीमा के पास कच्छ के रण में जब उनका हेलिकॉप्टर उड़ रहा था, पाकिस्तान एयरफोर्स के पायलट ने उसे मार गिराया. इस हमले में मेहता सहित सात लोगों की मौत हो गई.

मेहता के साथ उनकी पत्नी सरोज बेन, स्टाफ के तीन सदस्य, एक पत्रकार और दो क्रू मेंबर भी शामिल थे. ये घटना उस समय हुई जब भारत और पाकिस्तान का युद्ध चरम पर था. 46 साल बाद पाकिस्तानी फाइटर एयरक्राफ्ट के पायलट ने मेहता के हेलिकॉप्टर बीचक्राफ्ट के पायलट की बेटी को पत्र लिखकर माफी मांगी. पायलट की बेटी ने भी पत्र का जवाब दिया और पिता के हत्यारे को माफ कर दिया.

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क्या था पूरा घटनाक्रम

उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन को बलवंत राय ने मीठापुर में ठहरने के बाद कच्छ की सीमा के लिए उड़ान भरी थी. कच्छ की सीमा अहमदाबाद से 400 किमी दूर है. मीठापुर से उड़ान भरने के बाद बलवंत मेहता के हेलिकॉप्टर को पाकिस्तानी फाइटर कैश हुसैन ने इंटरसेप्ट किया.

खबरों के मुताबिक उस समय कैश की उम्र केवल 25 साल की थी, 20 हजार फीट की ऊंचाई पर पाकिस्तानी फाइटर पायलट ने इंडियन एयरस्पेस में प्रवेश किया और फिर 3000 फीट की ऊंचाई पर आया, जिस पर भारतीय हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहा था.

पाकिस्तानी ग्राउंड कंट्रोल इंटरसेप्शन की अनुमति का इंतजार करते हुए कैश हुसैन ने भारतीय हेलिकॉप्टर के चक्कर लगाते हुए घेरा डाल लिया. पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट को देखते हुए बीचक्राफ्ट ने अपने पंखे हिलाने शुरू कर दिए. यह दया और छोड़ दिए जाने का इशारा था. भारतीय हेलिकॉप्टर को गुजरात सरकार के मुख्य पायलट जहांगीर एम. इंजीनियर उड़ा रहे थे. इंजीनियर भारतीय वायुसेना में पायलट और सह पायलट के रूप में अपनी सेवा दे चुके थे.

इस बीच हुसैन ने अपने वरिष्ठों से अनुमति पाने के लिए हवा में दो फायर किए. मीठापुर से 100 किलोमीटर दूर सुथाली गांव के ऊपर दोनों फायर ने बलवंत मेहता के हेलिकॉप्टर को हिट किया और बीचक्राफ्ट हेलिकॉप्टर में विस्फोट हो गया. धरती पर गिरने से पहले हेलिकॉप्टर आग का गोला बन गया. उस दिन अपने सात बजे के बुलेटिन में ऑल इंडिया रेडियो ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की खबर दी.

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