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वकील का आरोप- जज ने नोटबंदी के दौरान बदले 1 करोड़ के पुराने नोट, गुजरात सरकार ने की मदद

वकील यतीन ओजा ने न्यायाधीश एमआर शाह पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी के दौरान राज्य सरकार की मदद से 1 करोड़ के कालेधन को नई करेंसी में तब्दील किया. यतीन ओजा को अमित शाह के मेंटर के तौर पर भी जाना जाता है. बीजेपी से किनारे किए जाने के बाद यतीन ओजा ने पहले कांग्रेस और फिर आप पार्टी जॉइन कर ली थी.

यतीन ओजा (फोटो क्रेडिट: बार एंड बेंच) यतीन ओजा (फोटो क्रेडिट: बार एंड बेंच)
लव रघुवंशी/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 24 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 7:41 AM IST

गुजरात हाई कोर्ट के वकील यतीन ओजा ने गुजरात हाई कोर्ट के जज एमआर शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इसे लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर को लेटर भी लिखा है. वकील यतीन ओजा ने न्यायाधीश एमआर शाह पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी के दौरान राज्य सरकार की मदद से 1 करोड़ के कालेधन को नई करेंसी में तब्दील किया. यतीन ओजा को अमित शाह के मेंटर के तौर पर भी जाना जाता है. बीजेपी से किनारे किए जाने के बाद यतीन ओजा ने पहले कांग्रेस और फिर आप पार्टी जॉइन कर ली थी.

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यह है आरोप

ओजा ने लेटर की शुरुआत में ही लिखा है कि आरोप काफी गंभीर हैं. इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि अगर उनके आरोप गलत साबित हुए तो वह इसके लिए कोई भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार हैं. उन्होंने आरोप साबित करने के लिए चीफ जस्टिस से इस मामले की निष्पक्ष और विस्तृत करवाने की मांग की है. आरोप की जानकारी देते हुए ओजा ने लिखा है कि जज शाह अह‍मदाबाद में जुलाई-अगस्त 2016 तक एक बंगले के मालिक थे. हालांकि शाह और हाई कोर्ट के दूसरे जजों को हाई कोर्ट के पास में जमीन अलॉट होने के बाद शाह ने वह बंगला 1 करोड़ में बेच दिया. शाह ने आरोप लगाया है कि वह रकम कैश में उपलब्ध करवाई गई थी और इसके बारे में शाह ने कोई जानकारी नहीं दी है. ऐसे में नोटबंदी के दौरान जज के पास यह रकम 500 और हजार रुपये के नोटों में ही थी, ऐसे में राज्य सरकार की मदद से यह नोट नए करेंसी में बदले गए. इसमें एक मंत्री और एक पार्टी के नेता ने उनकी मदद की. ओजा ने लिखा है कि अगर चीफ जस्टिस किसी निष्पक्ष जज से इस मामले की जांच करवाएंगे तो मेरी हर बात सच साबित होगी.  

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कॉलेजियम का भी जिक्र

ओजा ने अपने लेटर में जजों की नियुक्ति के लिए बनने वाले कॉलेजियम सिस्टम के बारे में भी टिप्पणी की. ओजा ने लेटर में जज केएम जोसेफ और जयंत पटेल का जिक्र करते हुए लिखा है कि अब कॉलेजियम केंद्र सरकार के सामने घुटने टेकने लगी है. हालांकि 28 अगस्त में बनने वाले कॉलेजियम में शामिल होने वाले जजों मदन बी लोकुर, जस्ती चेलमेश्वर और कुरियन जोसेफ द्वारा इस सिस्टम को बचाने के प्रयास किए जाने की उम्मीद जताई.

पहले भी रहा है विवादों से नाता

यह पहली बार नहीं है जब यतीन ओजा ने ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं. इससे पहले यतीन ओजा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में दावा किया था कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और ओवैसी आपस में मिले हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वकील यतीन ओजा को गुजरात हाई कोर्ट के दो न्यायधीशों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर ने ओजा को फटकार लगाते हुए कहा था कि‍ वो एक हलफनामा दायर कर माफी मांगें और उसमें ये भी लिखें कि‍ वो अब इस तरह के बयान दोनों जजों के खिलाफ नहीं दे देंगे. ओझा ने बयान दिया था कि‍ गुजरात हाई कोर्ट के न्यायधीश एमआर शाह और केएस झावेरी संविधान के मुताबिक नहीं, बल्कि 7 रेस कोर्स रोड और 11 अशोक रोड के इशारे पर काम करते हैं.  इस बयान की वजह से ओजा के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू हुई थी. इसी कार्रवाई पर रोक के लिए यतीन ओजा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. साथ ही ओजा ने यह भी आरोप लगाया था कि बीजेपी के करीबी कुछ कारोबारियों को नोटबंदी की जानकारी पहले से थी.  

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