
हरियाणा के पलवल में भी हिंसक प्रदर्शन हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने 5 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इसमें 3 SHO की सरकारी गाड़ियां भी शामिल हैं. प्रदर्शन में 2 SHO सहित 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
हिंसा के बाद हरियाणा पुलिस ने इस मामले में 2 अलग-अलग FIR दर्ज की है. इसके अलावा हाइवे जाम करने के मामले में एक FIR अलग से दर्ज की गई है. पलवल में हुई हिंसा की जांच के लिए 2 SIT का गठन किया गया है.
पुलिस के मुताबिक कुछ असामाजिक तत्वों ने भीड़ को भड़काया, जिसके बाद भीड़ ने हिंसा को अंजाम दिया. पलवल पुलिस के मुताबिक उपद्रवी DC आवास में तैनात गार्ड से 20 गोलियां छीनकर ले गए. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया. साथ में आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए.
पुलिस अब सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो, CCTV फुटेज, और मोबाईल वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है.
कई राज्यों में हो रहा विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. बिहार के भागलपुर में युवाओं ने 2 ट्रेनों को 2 घंटे तक रोके रखा. पुलिस पर भी पथराव किया. रेलवे पटरी के कई हिस्से तोड़ दिए.
एमपी के ग्वालियर में स्टेशन में तोड़फोड़
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में छात्रों ने रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की. युवाओं ने भिंड-इंदौर-रतलाम इंटरसिटी और बुंदेलखंड-एक्सप्रेस में तोड़फोड़ की और पटरियों को भी उखाड़ने की कोशिश की. यार्ड में रखी ट्रेनों पर भी जमकर पत्थर बरसाए. कई ट्रेनों के शीशे पूरी तरह टूट चुके हैं.
अग्निपथ योजना में क्या है?
तीनों सेनाओं में युवाओं की भर्ती के लिए केंद्र सरकार 'अग्निपथ' योजना लेकर आई है. इस योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. इन युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा. इस साल 46 हजार युवाओं की भर्ती की जाएगी. इनमें से 25% युवाओं को चार साल बाद सेना में बरकरार रखा जाएगा, जबकि बाकी के 75% अग्निवीरों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार के मुताबिक, चार साल बाद अग्निवीरों को परफॉर्मेंस के आधार पर चयन किया जाएगा. इन युवाओं को फिर सेना में 15 साल और सेवा करने का मौका मिलेगा. इसके बाद इन पर सेना के नियम और शर्तें लागू होंगी. हालांकि, इस बारे में अभी डिटेल्ड गाइडलाइंस आनी बाकी है.