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बढ़ते प्रदूषण के बीच गुरुग्राम की इस सोसायटी में हुई 'आर्टिफिशियल रेन', Video

गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सेक्टर-82 स्थित डीएलएफ प्राइमस में आर्टिफिशियल बारिश कराई गई है.

गुरुग्राम में कराई गई आर्टिफिशियल बारिश. (Photo Source @Soical Media) गुरुग्राम में कराई गई आर्टिफिशियल बारिश. (Photo Source @Soical Media)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

दिवाली के बाद से दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच हरियाणा के गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराई गई है. ये बारिश सेक्टर-82 स्थित डीएलएफ प्राइमस में कराई गई है. आर्टिफिशियल बारिश कराने का फैसला शहर की आबोहवा को साफ करने के मकसद से लिया गया. 
 
डीएलएफ प्राइमस सेक्टर-82 के आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अचल यादव कहते हैं, देखिए बात अगर प्रदूषण की करें तो अपने मंत्री राव दलवीर के विचारों से सहमत हैं और सरकार अकेले प्रदूषण को नहीं रोक सकती है. इसमें सभी का सहयोग जरूरी है. हमने अपने स्तर पर हम क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 32 मंजिला ऊंचे टावरों की फायर लाइनों से कृत्रिम बारिश करा रहे हैं. 

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उन्होंने ये भी कहा कि अगर गुरुग्राम में एक्यूआई बढ़ता है तो हम तैयार हैं." इसे हर दिन संचालित करें, हमने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई पहल की हैं. हमने अपने यहां से कार-पूल समेत  कई जरूरी कदम भी उठाए हैं.

वहीं, बुधवार को दिल्ली में एक्यूआई का स्तर 352 था जो कि बेहद खराब श्रेणी में आता है. हालांकि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का कहना है कि कुछ दिनों से दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हो रहा है. दिल्ली में इस वक्त दिल्ली में GRAP- 2 की पाबंदियां लागू हैं. अगर एक्यूआई 400 के पार चला जाता है तो वह गंभीर माना जाता है और इसके लिए GRAP- 3 की पाबंदियां लागू की जाएगी.

GRAP- 2 की पाबंदियां

डीजल जनरेटर चलने पर रोक. 
प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में बढ़ोतरी. 
हर दिन सड़कों पर मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव. 
सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस में इजाफा. नेचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जनरेटर चल सकेंगे. 
800kwa से अधिक क्षमता वाले जेनरेटर तभी चल सकेंगे जब वह रेट्रोफिटिंग करवाएंगे.

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