Advertisement

नूंह हिंसा में गंवाई थी प्रदीप शर्मा ने जान, अब परिवार की मदद को आगे आए 6 गांव के लोग

हरियाणा के मेवात-नूंह में 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकाली गई थी. इसी दौरान यात्रा पर पथराव हो गया था. देखते ही देखते यह दो समुदायों में हिंसा में बदल गई. सैकड़ों कारों को आग लगा दी गई. साइबर थाने पर भी हमला किया गया. उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया था.

बजरंग दल कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा की हुआ थी हत्या (file photo). बजरंग दल कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा की हुआ थी हत्या (file photo).
दुष्यंत त्यागी
  • बागपत,
  • 04 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

हरियाणा के नूंह-मेवात में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में जान गंवाने वाले बागपत के पांची गांव के प्रदीप के परिवार की सहायता के लिए आस-पास के आधा दर्जन गांव के जिम्मेदार लोग आगे आए हैं. गांव के लोगों का कहना है कि पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता की जाएगी. 

पांची गांव के रहने वाले प्रदीप का परिवार बीते 15 साल से गुरुग्राम में रह रहा है. 31 जुलाई को भड़की सांप्रदायिक हिंसा में प्रदीप को दंगाईयों ने बुरी तरह घायल कर दिया था. इसके बाद प्रदीप ने दम तोड़ दिया था. शुक्रवार को  प्रदीप के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पांची में ही किया गया है.

Advertisement

प्रदीप के अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी. प्रदीप के परिवार वालों को सांत्वना देने के लिए कई गांवों के लोग उनके घर भी पहुंचे. प्रदीप के छोटे भाई दीपक ने बताया कि उनके भाई धर्म के काम में शहीद हुए हैं, लेकिन ना तो किसी संगठन ने और ना ही सरकार ने उनके परिवार की कोई सुध ली है.

आधा दर्जन गांव आए मदद के लिए आगे

प्रदीप के घर पांची, बड़ा गांव, मुबारकपुर, विनायपुर सहित आधा दर्जन गांव के लोग पहुंचे और पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया है. ग्रामीणों ने मृतक प्रदीप के आवास पर ही पंचायत करके निर्णय लिया कि जब तक प्रदीप के परिवार को सरकारी सहायता नहीं मिलती तब तक पांची और आस-पास के गांव पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता करेंगे. साथ ही ग्रामीणों ने मांग की है की प्रदीप के परिवार की स्थिति को देखते हुए सरकार को इस परिवार की मदद करनी चाहिए.

Advertisement

कौन था प्रदीप शर्मा?

प्रदीप शर्मा बजरंग दल के बादशाहपुर मंडल के संयोजक थे. पुलिस के मुताबिक, प्रदीप उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. भोंडसी इलाके में उसकी बर्तन की दुकान थी. प्रदीप की शादी हो चुकी थी और उसका पूरा परिवार यूपी में ही रहता है.

प्रदीप शर्मा बृजमंडल यात्रा में शामिल होने के लिए नूंह आया था. लेकिन यात्रा के दौरान ही यहां हिंसा भड़क गई. सोहना के एसीपी नवीन संधु के मुताबिक, 31 जुलाई की रात 10 बजे के आसपास प्रदीप अपने घर लौट रहा था. जैसे ही वो रायपुर पहुंचा, वैसे ही उपद्रवियों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से उसकी गाड़ी पर हमला कर दिया.

उसके साथ मारपीट कर रायपुर की मस्जिद के पास उसे अधमरी हालत में फेंककर चले गए थे. पुलिस ने देर रात मस्जिद के पास से ही प्रदीप शर्मा को गंभीर हालत में उठाया था. प्रदीप को पहले गुरुग्राम के एक सरकारी अस्पताल लाया गया लेकिन बाद में उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया. हालांकि, 1 अगस्त की देर रात उनकी मौत हो गई.

प्रदीप शर्मा (File photo).

सीसीटीवी भी  वीडियो आया सामने

पुलिस को उस रात का एक सीसीटीवी वीडियो मिला है. पुलिस ने बताया कि इस वीडियो में दिख रहा है कि मस्जिद के पास एक एंबुलेंस आकर रुकती है और फिर उसमें से कुछ फेंककर वापस चली जाती है.

Advertisement

पुलिस के मुताबिक, एंबुलेंस जब मस्जिद के पास रुकती है तब उसकी डिग्गी बंद थी. फिर डिग्गी खोलकर कुछ फेंककर संदिग्ध वहां से चले जाते हैं. पुलिस को शक है कि इसी एंबुलेंस से प्रदीप शर्मा को लाकर मस्जिद के पास अधमरी हालत में फेंक दिया गया था. क्योंकि पुलिस को इसी जगह से प्रदीप मिला था.

घटना का ये पूरा वीडियो मस्जिद में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया था. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

शोभायात्रा पर पथराव के बाद हुई थी हिंसा

हरियाणा के मेवात-नूंह में 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकाली गई थी. इसी दौरान यात्रा पर पथराव हो गया था. देखते ही देखते यह दो समुदायों में हिंसा में बदल गई. सैकड़ों कारों को आग लगा दी गई. साइबर थाने पर भी हमला किया गया. उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया था. नूंह के बाद सोहना में भी पथराव और फायरिंग हुई. वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इसके बाद हिंसा की आग नूंह से फरीदाबाद-गुरुग्राम तक फैल गई. नूंह हिंसा में दो होमगार्ड समेत 6 लोगों की मौत हुई है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement