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हरियाणा नगर निगम चुनाव से कांग्रेस को झटका, कभी CM सैनी और खट्टर के खिलाफ खड़े हुए नेता BJP में शामिल

सरदार त्रिलोचन सिंह ने पिछले 46 सालों से कांग्रेस में जमीनी स्तर पर स्थानीय मुद्दों को उठाया था. उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और यहां तक ​​कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भी चुनाव लड़ा है. 2019 में वह करनाल से मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ और 2024 के करनाल उपचुनाव में सीएम सैनी के खिलाफ खड़े हुए थे.

बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता (प्रतीकात्मक तस्वीर) बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कमलजीत संधू
  • चंडीगढ़,
  • 18 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:17 PM IST

हरियाणा में करारी हार का सामना करने के करीब चार महीने बाद कांग्रेस को करनाल में बड़ा झटका लगा है. इस बार महत्वपूर्ण नगर निगम चुनावों से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता सरदार त्रिलोचन सिंह कई अन्य लोगों के साथ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए. इस दौरान कई प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहीं. इससे पहले करनाल के उपचुनाव में सरदार त्रिलोचन सिंह सीएम सैनी के विरोधी थे. 

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दरअसल, सरदार त्रिलोचन सिंह ने पिछले 46 सालों से कांग्रेस में जमीनी स्तर पर स्थानीय मुद्दों को उठाया था. उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और यहां तक ​​कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भी चुनाव लड़ा है. 2019 में वह करनाल से मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ और 2024 के करनाल उपचुनाव में सीएम सैनी के खिलाफ खड़े हुए थे.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने आश्चर्यजनक हार के बाद वापसी के लिए नगर निगम चुनावों के लिए तैयारी की है. लेकिन इससे पहले ही पार्टी के दिग्गज नेता बीजेपी में शामिल हो गए. मंगलवार को मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, "कांग्रेस के स्तंभ, कई लोगों के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं. मैं उनका पार्टी में स्वागत करता हूं. और करनाल ने तय किया है कि 12 मार्च को करनाल से हमारी उम्मीदवार रेणु बाला गुप्ता भारी अंतर से जीतेगी. 3 स्तरीय सरकार बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी. लेकिन उनमें सबसे महत्वपूर्ण नाम कांग्रेस नेता सरदार त्रिलोचन सिंह का था. वे 40 साल से कांग्रेस के साथ थे, लेकिन दरकिनार और निराश महसूस करते हुए उन्होंने आज भाजपा का दामन थाम लिया."

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बता दें कि हरियाणा में आठ नगर निगमों सहित 33 नगर निकायों के चुनाव 2 मार्च को होंगे और वोटों की गिनती 12 मार्च को होगी. नगर निगमों- गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर के अलावा चार नगर परिषद और 21 नगर समितियों के लिए भी चुनाव होंगे.

हालांकि कांग्रेस ने दिसंबर 2020 में तीन नगर निगमों के मेयर चुनावों को छोड़कर कभी भी नगर निगम चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ा है, लेकिन पार्टी ने इस बार नगर निगमों के मेयर और पार्षदों और नगर परिषदों के अध्यक्षों के चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ने का फैसला किया है. भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है- सीएम के आगे रहने के साथ-साथ अन्य सभी मंत्री यह सुनिश्चित करने के लिए सबसे आगे हैं कि जीत का अंतर बहुत बड़ा रहे.

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