
दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-3 में एक निजी अस्पताल से छह महंगे कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन चोरी होने का मामला सामने आया है. इन इंजेक्शनों की कुल कीमत 7.62 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है. पुलिस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के गैर-चिकित्सा प्रमुख जतिन नेगी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि फरवरी में इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) फार्मेसी दवाओं के ऑडिट के दौरान छह अलग-अलग प्रकार के इंजेक्शन गायब पाए गए.
गायब इंजेक्शनों में एंथर्टू (1,67,069 रुपये), एवास्टिन (1,23,506 रुपये), एर्बिटक्स (21,250 रुपये), बायोमैब (65,643 रुपये), वर्सावो (55,005 रुपये) और इनॉन्जा (3,30,000 रुपये) शामिल हैं. कुल मिलाकर इनकी कीमत 7,62,473 रुपये आंकी गई है.
नेगी ने शिकायत में आशंका जताई कि चोरी में अस्पताल का कोई कर्मचारी शामिल हो सकता है, क्योंकि मरीज, उनके सहायक या बाहरी व्यक्ति इन इंजेक्शनों की उच्च कीमत के बारे में नहीं जानते होंगे. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.
पुलिस ने बुधवार को डीएलएफ फेज-3 थाने में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 305 (चोरी) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है. पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि चोरी कैसे हुई और इसमें कौन शामिल हो सकता है. अस्पताल प्रशासन ने पुलिस से चोरी का जल्द से जल्द खुलासा करने की अपील की है, क्योंकि कैंसर के ये इंजेक्शन जीवनरक्षक दवाओं में आते हैं और मरीजों के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं.