
यूं तो हरियाणा को जवान और खिलाड़ियों की धरती माना जाता है. मगर, 2023 हरियाणा के खेल और खिलाड़ियों के लिए भारी पड़ रहा है. फिर चाहे वो अपनी दर्द को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे चुके खिलाड़ी हों या फिर अब भिवानी की सड़कों पर उतरे खिलाड़ी हों.
भिवानी में सड़कों पर उतरे खिलाड़ी हरियाणा में हर विभाग की नौकरियों में तीन फिसदी कोटा लागू करने की मांग कर रहे हैं. इन खिलाड़ियों और कोच का आरोप हैं कि हरियाणा की खेल नीति देश में सबसे बेहतर थी. मगर, सरकार की नीयत और नीति में खोट है. इसके चलते इस नीति में इतना बदलाव किया कि यह पूरे देश में सबसे घटिया हो गई है.
हरियाणा की नीति को लेकर कोच भी हैं रोष में
अपनी मांग को लेकर सड़कों पर उतरे गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्डी बॉक्सिंग कोच जगदीश सिंह ने हरियाणा Tak से विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की गलत सोच और नीति के चलते हरियाणा की खेल नीति देश में सबसे बेहतर से सबसे घटिया हो गई है. नौकरियों में तीन फीसदी कोटा खत्म करने से खिलाड़ियों में रोष और निराशा है.
बॉक्सर विजेंद्र के भाई ने कही यह बात...
वहीं, दुनिया के नंबर वन बॉक्सर रहे विजेंद्र के भाई मनोज बता रहे हैं कि जब खिलाड़ी मेडल लाता है, तो नेता उन्हें पलकों पर बैठाकर फोटो लेते हैं। जब हक की बात आती है, तो सड़कों पर उतरना पड़ता है.
मांग पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा आंदोलन
वहीं, बॉक्सर सोनिका बता रही हैं कि पिछली साल भी वो कोटा बहाली को लेकर सड़कों पर उतरे थे. मगर, सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही. सोनिका ने कहा कि मांग पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
देखना है सरकार क्या लेती है फैसला
खिलाड़ियों को देश का गौरव माना जाता है. ये खिलाड़ी जो सात संमदर पार जाकर मेडल जीतते हैं और देश का सीने चौड़ा करते हैं. ऐसे में देखना होगा कि हरियाणा सरकार अपने इन खिलाड़ियों की मांग पर कब और क्या फैसला लेती है.
(इनपुट- जगबीर घनघस)