
हरियाणा विधानसभा ने शुक्रवार को एक विधेयक पारित किया, जिससे राज्य सरकार को दिवंगत योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी के गुरुग्राम स्थित अपर्णा आश्रम का प्रबंधन और नियंत्रण अपने हाथ में लेने का अधिकार मिलेगा. विधेयक के अनुसार पिछले कई वर्षों से सोसायटी और उसके सदस्यों के बीच विवाद चल रहा है.
कांग्रेस ने किया विरोध
विधानसभा में पारित 'अपर्णा संस्थान (प्रबंधन और नियंत्रण अधिग्रहण) विधेयक, 2025' के अनुसार, यह कदम सार्वजनिक हित में और उचित एवं प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. यह संस्थान गुरुग्राम के सिलोकड़ा गांव में स्थित है और लंबे समय से सोसायटी और इसके सदस्यों के बीच विवाद चल रहा था.
विधानसभा में कांग्रेस विधायक बी.बी. बत्रा ने इस विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा, 'यह विधेयक इस सदन में पेश नहीं किया जा सकता, यह संविधान के खिलाफ है और सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है.'
'केंद्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता विधेयक'
उन्होंने यह भी दावा किया कि यह विधेयक कानूनी रूप से टिक नहीं पाएगा और इसे अदालतों में चुनौती दी जाएगी, जिससे विधायकों पर दोष आएगा. हालांकि, मुख्यमंत्री नायब सिंह ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक किसी भी केंद्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता है और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए लाया गया है.
कांग्रेस विधायक का तर्क
कांग्रेस विधायक बत्रा ने कहा कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी द्वारा स्थापित यह सोसायटी दिल्ली में पंजीकृत है, न कि हरियाणा में. उन्होंने तर्क दिया कि यदि सोसायटी के सदस्यों के बीच विवाद है और किसी प्रशासक की नियुक्ति करनी है, तो इसका अधिकार दिल्ली सरकार के पास है, क्योंकि यह हरियाणा अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है.