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मैगजीन के कवर पेज पर 'घूंघट', बैकफुट पर खट्टर सरकार, मंत्री को गर्व

महिला अधिकारों और महिलाओं के संरक्षण के लिए काम करने वाली महिलाओं और संगठनों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए "घूंघट हरियाणा की शान" स्लोगन को बिलकुल गलत ठहराया है.

हरियाणा में इस तस्वीर पर बवाल हरियाणा में इस तस्वीर पर बवाल
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 28 जून 2017,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

हरियाणा सरकार की मासिक पत्रिका हरियाणा संवाद के अंक में छपा घूंघट में ढकी एक महिला का फोटो सरकार के लिए मुसीबत बन गया है. दरअसल हरियाणा संवाद के लेटेस्ट एडिशन के मुख्यपेज पर एक घूंघट में खड़ी महिला का फोटो लगा है और बगल में स्लोगन लिखा है "घूंघट की आन बान-हमारे हरियाणा की पहचान". इस फोटो को लेकर हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं.

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सरकार को घूंघट पर गर्व

हरियाणा सरकार के मंत्री अभी भी इस बात पर कायम हैं कि घूंघट हरियाणा की परंपरा है और उन्हें अपनी परंपरा पर गर्व है. हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा की बेटियां पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रही हैं लेकिन इसका कतई ये मतलब नहीं है कि हरियाणा के लोग अपनी परंपरा को भूल गए हैं. घूंघट हरियाणा की परंपरा का हिस्सा है और पूरे हरियाणा और हरियाणा की सरकार को घूंघट की परंपरा पर गर्व है.

 

बैकफुट पर खट्टर सरकार

हरियाणा सरकार की सरकारी मैगजीन हरियाणा संवाद के कवर पेज पर घूंघट को हरियाणा की आन बान और शान बताने को लेकर हरियाणा सरकार बैकफुट पर है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से जब इस मैगजीन में एक रूढ़िवादी परंपरा को हरियाणा की शान बताने को लेकर सफाई मांगी गई तो उन्होंने इस मामले की जानकारी होने से इंकार कर दिया और कहा कि वो जल्द ही इस बारे में जानकारी जुटाएंगे और इस मैगजीन को देखेंगे.

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स्लोगन गलत

 

महिला अधिकारों और महिलाओं के संरक्षण के लिए काम करने वाली महिलाओं और संगठनों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए "घूंघट हरियाणा की शान" स्लोगन को बिलकुल गलत ठहराया है. महिलाओं और लड़कियों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का नारा दे रही है वहीं दूसरी ओर नारी को घूंघट में रखना चाह रही है. हरियाणा के जींद के बीबीपुर गांव जोकि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" और "सेल्फी विद डॉक्टर" जैसे अभियानों के लिए जाना जाता है. वहां की महिलाओं का कहना है कि अगर उन्हें कल्पना चावला और सानिया मिर्जा बनना है तो वे कैसे घूंघट की आड़ में रहेंगी. जींद की नारी शक्ति का ये भी कहना है की खट्टर सरकार को इस स्लोगन को तुरंत वापस लेना चाहिए.

 

घूंघट प्रथा को अपने गांव में और आसपास के गांवो में खत्म करवाने के लिये सबला कार्यक्रम चलाने वाले जींद के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान का कहना है की जिस विभाग के अधिकारियों ने ये स्लोगन दिया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. सुनील के अनुसार एक ओर हरियाणा की बेटियां फेमिना मिस इण्डिया और डब्लूडब्लूई में अपना परचम लहरा रही हैं दूसरी ओर इस तरह के स्लोगन पीड़ादायक हैं.

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नारियों को घूंघट में रखने के सरकारी मैगजीन के स्लोगन को लेकर कांग्रेस ने भी हरियाणा सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस का कहना है कि एक ओर तो सरकार "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" जैसे अभियान चलाने का दावा करके वाहवाही लूटने में लगी है और वहीं दूसरी ओर नारियों के घूंघट में छिपे रहने को अपनी शान बता कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का उदाहरण भी दे रही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार की कथनी और करनी में कितना फर्क है और नारियों और उनकी हालत सुधारने को लेकर सरकार की क्या सोच है वो सरकार की इस मैगजीन पर लिखे स्लोगन ने साफ कर दिया है.

 

वहीं सरकार की किरकिरी होने के बाद इस मैगजीन को निकालने वाले पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट की मंत्री कविता जैन तो पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. लेकिन अपने बयानों से हमेशा सरकार को बचाने वाले हरियाणा के फायर ब्रांड मिनिस्टर अनिल विज के पास भी इन सवालों का जवाब नहीं है कि क्या हरियाणा सरकार घूंघट को हरियाणा की शान मानती है? और क्या सरकार घूंघट प्रथा को खत्म करने के पक्ष में नहीं है? अनिल विज से जब इस पूरे मुद्दे को लेकर सवाल किया गया तो वो परंपराओं की दुहाई देने लगे लेकिन परंपरा के नाम पर सरकार किस तरह से अपनी संकीर्ण मानसिकता महिलाओं के सामने रख सकती है इस बात को लेकर उनके पास कोई जवाब नहीं था और वो गोलमोल जवाब देने लगे.

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कई बार हरियाणा सरकार "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" जैसे अभियानों और अपनी सरकार के वक्त प्रदेश में लड़कियों के सुधरे लिंगानुपात की दुहाई देकर अपनी कमर थपथपाती रहती है लेकिन असल में सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के मन में महिलाओं के प्रति क्या सोच है वो इस सरकारी पत्रिका के मुखपत्र पर छपा विज्ञापन और घूंघट को शान बताने वाला सरकारी स्लोगन बयां कर रहा है.

 

Pic Credit: haryanasamvad.gov.in

 

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