
फरीदाबाद में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का मामला सामने आया है. यहां क्राइम ब्रांच की कस्टडी में युवक की मौत के बाद माहौल गरमाया हुआ है. क्राइम ब्रांच में युवक से चाकूबाजी के मामले में पूछताछ की जा रही थी. अब युवक की क्राइम ब्रांच की कस्टडी में हुई मौत को लेकर भीम आर्मी और दलित समाज के नेता पुलिस पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं.
वहीं मृतक के परिजन भी युवक की मौत को लेकर क्राइम ब्रांच को जिम्मेदार ठहरा रही है. फिलहाल मजिस्ट्रेट की निगरानी में युवक का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है. इस मामले में अब मजिस्ट्रेट ने कानूनी जांच शुरू कर दी है. बीती 5 जुलाई को द मॉल ऑफ फरीदाबाद की भूमिगत पार्किंग में पैसे के लेनदेन को लेकर दो युवकों में चाकू बाजी हुई थी. इसमें युवक अमित और हरीश घायल हो गया था.
हरीश को इलाज के लिए निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था जबकि अमित को सरकारी अस्पताल में दाखिल किया गया था. परिजनों का आरोप है कि आपसी लेनदेन को लेकर दोनों में चाकूबाजी हुई थी और दोनों घायल हुए थे. लेकिन सरकारी अस्पताल में दाखिल अमित को इलाज के दौरान ही पुलिस चौकी में ले आई और उसके बाद कल देर शाम उसे क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया और सुबह अमित की मौत की खबर पुलिस से मिली.
परिजनों ने कहा कि यह पुलिस द्वारा की गई हत्या है. इसको लेकर परिजन दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की बात कही है. उनका कहना है कि यह कोई लूट, डकैती या चोरी का मामला नहीं था कि इस मामले को क्राइम ब्रांच में दिया जाए.
परिजनों का कहना है कि दोनों तरफ से दोनों युवक घायल हुए थे. ऐसे में पुलिस को एक तरफा कार्रवाई नहीं करते हुए क्रॉस मुकदमा दर्ज करना चाहिए था और मामले की जनता से जांच करनी चाहिए थी, लेकिन दलित युवक समझ कर उसे इलाज के दौरान ही अस्पताल से क्यों उठा लिया गया.
वहीं मामले को लेकर एसीपी ने बताया कि इस पूरे मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा कानूनी जांच की जा रही है. कस्टडी में हुई मौत को लेकर परिजन जो भी शिकायत देंगे, उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी और इंसाफ किया जाएगा.