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किसान आंदोलन का सियासी अवतार, कल गुरनाम सिंह चढ़ूनी करेंगे राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान

तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद सालभर से चल रहा किसान आंदोलन स्थगित हो गया. आंदोलन के दौरान किसान नेता राजनीति में नहीं जाने के दावे तो करते रहे लेकिन अब इसी आंदोलन से एक राजनीतिक पार्टी भी निकल रही है. सूत्रों ने बताया कि शनिवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी एक राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.

हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (फाइल फोटो) हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (फाइल फोटो)
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 17 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST
  • गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • राजनीतिक पार्टी का कर सकते हैं ऐलान
  • कहा था- राजनीति की गंदगी साफ करना है

तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसान सियासत में भी उतरने की तैयारी कर रहे हैं. हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने शनिवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. बताया जा रहा है कि इस कॉन्फ्रेंस में चढ़ूनी ने राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. 

आंदोलन के दौरान अक्सर किसान नेता राजनीति में जाने की बात को नकारते रहे, लेकिन अब आंदोलन खत्म होने के बाद राजनीति में एंट्री की भी तैयारी हो रही है. गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. सूत्रों का कहना है कि ये कॉन्फ्रेंस राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने के लिए बुलाई गई है. 

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हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अक्सर संयुक्त किसान मोर्चा से विवाद होने की खबरें भी आती रहीं हैं. ऐसे में उनके राजनीति में आने की अटकलें तेज भी हैं. हालांकि, कुछ दिन पहले उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा था कि गंदी राजनीति के कारण किसान 380 दिन तक बैठा रहा, उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई. 

उन्होंने कहा था कि इसलिए इस राजनीति की गंदगी को दूर करने के लिए राजनीति में उतरना होगा. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा था कि वो खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि अच्छे लोगों को चुनाव में लड़वाएंगे.

15 दिसंबर को खत्म हो गया है किसान आंदोलन

तीनों कृषि कानूनों की वापसी और लंबित मांगों पर सरकार का प्रस्ताव मिलने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने 9 दिसंबर को आंदोलन स्थगित करने का ऐलान किया था. संयुक्त किसान मोर्चा ने ये भी कहा था कि अगर सरकार अपना वादा नहीं निभाती है तो आंदोलन फिर से शुरू किया जा सकता है. किसान मोर्चा ने 11 दिसंबर से किसानों की वापसी शुरू की थी. 15 दिसंबर तक देशभर में जारी किसान आंदोलन पूरी तरह खत्म हो गया है.

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