Advertisement

पीपली लाठीचार्ज के बाद गुस्से में किसान, 20 सितंबर को हाइवे जाम की चेतावनी

सिरसा में आज किसान संगठनों की मीटिंग हुई. इस दौरान राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रधान जसबीर सिंह भाटी और किसान नेता प्रह्लाद सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार ने पीपली रैली में किसानों पर लाठियां बरसाईं वो निंदनीय है. वहीं किसान संगठन लगातार किसानों पर थोपे गए अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं और इसके लिए आंदोलनरत हैं.

पीपली में 10 सितंबर को किसान (फोटो-@CaptAjayYadav) पीपली में 10 सितंबर को किसान (फोटो-@CaptAjayYadav)
बलजीत सिंह
  • सिरसा,
  • 14 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST
  • सिरसा में हुई किसान संगठनों की मीटिंग
  • पीपली में किसानों पर लाठीचार्ज से गुस्सा
  • सरकार के अध्यादेशों पर भी किसान नाराज

एक तरफ जहां केंद्र सरकार किसानों से जुड़े तीन महत्वपूर्ण अध्यादेश आज से शुरू हुए मॉनसून सत्र में पास कराने जा रही है वहीं दूसरी तरफ इनके विरोध में किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. हरियाणा के पीपली की घटना के बाद आज सिरसा में किसान संगठनों ने मीटिंग की. इस मीटिंग में 20 सितंबर को पूरे देश में नेशनल हाइवे जाम करने का ऐलान किया गया. 

Advertisement

राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रधान जसबीर सिंह भाटी और किसान नेता प्रह्लाद सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार ने पीपली रैली में किसानों पर लाठियां बरसाईं वो निंदनीय है. वहीं किसान संगठन लगातार किसानों पर थोपे गए अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं और इसके लिए आंदोलनरत हैं. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए भी कानून बनाया जाए.

20 सितंबर को जाम की चेतावनी

किसान नेताओं ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर 20 सितंबर को देशभर में रोड जाम करेंगे. जबकि इससे पहले 15 से 19 सितंबर तक देशभर में धरने दिए जाएंगे. मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने देशभर के 19 संगठन किसानों के इन मुद्दों पर एकसाथ हैं और आढ़ती व व्यापारियों का भी समर्थन प्राप्त है. ये भी कहा गया है कि सरकार ने सबके बावजूद भी किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 27 सितंबर को और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा. 

Advertisement

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों से जुड़े कुछ अहम तीन अध्यादेश पारित कर चुकी है. इन विधेयकों को संसद में बिल के रूप में पेश किया गया है. सोमवार को लोकसभा में विपक्षी दलों ने इन बिलों का विरोध किया और आरोप लगाया कि इनसे कॉर्पोरेट जगत को फायदा पहुंचेगा. 

जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विपक्ष को जवाब देते हुए बताया कि इस बिल से छोटे किसानों को फायदा पहुंचेगा. उन्होंने बताया कि इस बिल के बाद प्राइवेट कंपनी ग्रामीण इलाकों में पहुंचेंगी और किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे. तोमर ने बताया कि किसानों को हर हाल में न्यूनतम मूल्य मिलेगा. 

पीपली में किसानों पर हुआ था लाठीचार्ज

जबकि किसान सरकार की राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. किसानों व किसान संगठनों का कहना है कि ये कानून बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं. इसी मसले पर विरोध जताने के लिए 10 सितंबर को पीपली में महारैली को आयोजन किया गया था. इस दौरान किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. 

कांग्रेस ने किसानों की पिटाई को हरियाणा की खट्टर सरकार का जुल्म करार दिया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने घटना के बाद कहा था कि हरियाणा में खट्टर सरकार की गुंडागर्दी और पुलिस के जुल्म का नंगा नाच कुरुक्षेत्र की रणभूमि में पूरे देश ने देखा. तीनों अध्यादेशों का विरोध कर रहे किसान-आढ़ती-मजदूर शांतिप्रिय तरीके से किसान बचाओ-मंडी बचाओ रैली का पीपली मंडी में आयोजन करना चाहते थे. परंतु चौबीस घंटों में हजारों पुलिसकर्मी लगा किसानों और आढ़तियों के नेताओं की जबरन धरपकड़ शुरू कर दी गई, घरों पर नोटिस लगाए गए व जगह जगह पुलिस नाके लगाकर किसानों-मजदूरों-आढ़तियों को पीपली आने से रोका गया. इसके बावजूद भी जब हजारों की संख्या में लोगों ने कूच किया तो फिर पगड़ियां उछाली गईं तथा किसानों व आढ़तियों पर निर्दयता से लाठियां चलाई गईं.

Advertisement

पीपली में किसानों से मारपीट व सरकार के अध्यादेशों के खिलाफ एक बार फिर किसान जुटे हैं और आंदोलन करने की चेतावनी दी है.   


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement