
फरीदाबाद में साइबर फ्रॉड का एक नया मामला सामने आया है. इसमें आरोपियों ने पीड़ित से 58 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से ठग ली. इस नए साइबर फ्रॉड की शिकार हुई महिला एक प्राइवेट बैंक में ऊंचे पद पर कार्यरत है. इस मामले में महिला को अपराधियों ने 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा.
मामला फरीदाबाद की ग्रीनफील्ड कॉलोनी का है. यहां रहने वाली एक महिला प्राइवेट बैंक में उच्च पद पर कार्यरत है. 8 जनवरी को उनके मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉलर ने खुद को लखनऊ कस्टम ऑफिस का अधिकारी बताया. उसने महिला से कहा कि कस्टम अधिकारियों ने उनका एक पार्सल पकड़ा है, जो बर्मा के लिए जा रहा था. इस पार्सल में नशीले पदार्थ मिले हैं.
यह भी पढ़ें- गजब चोर: गाड़ी का लॉक तोड़ा और फिर उसी के अंदर सो गया, सुबह कार मालिक ने देखा तो फिर...
महिला को ऑनलाइन दिखाया गिरफ्तारी वारंट
इस मामले में महिला को गिरफ्तार करने की धमकी दी गई. फिर कुछ देर बाद महिला को टेलीग्राम ऐप पर फोन आया. बात करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया. महिला से कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि वह संदीप पाटिल गिरोह से जुड़ी है, जो ह्यूमन ट्रैफिकिंग और ड्रग्स स्मगलिंग का काम करता है.
आरोपियों ने महिला को उसके टेलीग्राम ऐप पर ही कोर्ट के आदेश दिखाते हुए वारंट निकालने की बात कही. आरोपियों ने पीड़िता से कहा कि आपके बैंक खातों में जमा सारा धन रिकवर करना होगा. दरअसल, यह सारा धन अपने अनैतिक सोर्स से कमाया है.
पांच दिनों तक महिला को रखा डिजिटल अरेस्ट
पैसे रिकवर करने के लिए उन्होंने पीड़िता को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा. इस दौरान उन्होंने महिला को और उसको पूरे परिवार को गिरफ्तार करने की धमकी भी दी गई. इससे महिला काफी डर गई और इसी के चलते उसने इस बात को अपने पति तक से यह बात शेयर नहीं की. इस तरह पीड़िता ने आरोपियों के बताए बैंक खातों में अलग-अलग दिन अलग-अलग खातों से करीब 58 लाख 22 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए.
पहले भी हुई थी एक युवती ऐसी ही ठगी का शिकार
आपको बता दें कि बिल्कुल इसी तरह से 12 अक्टूबर 2023 को फरीदाबाद की एक युवती से भी साइबर ठगी की गई थी. हालांकि, उसे मामले में युवती से ढाई लाख रुपए ठगे गए थे और उसे स्काइप ऐप पर 14 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया था. उसे मामले में भी पीड़िता को इतना डरा दिया गया था कि कई दिनों बाद वह अपने माता-पिता से इस मामले की जानकारी शेयर कर पाई थी. फरीदाबाद पुलिस पीआरओ सूबे सिंह ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जानिए क्या होता है डिजिटल अरेस्ट
ब्लैकमेलिंग के एडवांस तरीके को डिजिटल अरेस्ट का नाम दिया गया है. इसमें पीड़ित को ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए बताया जाता है कि उस पर नजर रखी जा रही है. वीडियो कॉल पर साइबर अपराधी पीड़ित को सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं. इस दौरान किसी से बात करने, मैसेज करने और मिलने की इजाजत नहीं देते हैं. इस तरह लोग अपने ही घर में ऑनलाइन कैद होकर रह जाते हैं. ऐसे मामले में डरने की जरूरत नहीं है. तुरंत ही नजदीकी पुलिस थाने में संपर्क करना चाहिए.