
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और रेप केस में दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर 21 दिन की फरलो मिल गई है. मंगलवार सुबह करीब 6:30 बजे गुरमीत को हरियाणा की सुनारिया जेल से पुलिस सुरक्षा में बाहर निकाला गया. यहां से वो सीधे उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित बरनावा आश्रम पहुंचा. वो इसी आश्रम में फरलो की अवधि बिताएगा. गुरमीत को 2020 से अब तक 10 बार फरलो या पैरोल मिल चुकी है. अब हरियाणा चुनाव से ठीक पहले फिर राम रहीम के बाहर आने से सियासी गलियारे में भी चर्चाएं हैं.
दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने एक याचिका दायर की थी और गुरमीत राम रहीम को लगातार पैरोल या फरलो दिए जाने का विरोध किया था. SGPC ने संभावित सार्वजनिक नुकसान का हवाला दिया था. HC ने एसजीपीसी की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. अब कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया और सिरसा के डेरा संप्रदाय प्रमुख गुरमीत को अस्थायी रिहाई की अनुमति दे दी.
कोर्ट ने कहा- यह राज्य सरकार का मामला
HC के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रवाल की बेंच ने कहा, यह राज्य सरकार का मामला है और सक्षम प्राधिकारी पैरोल पर फैसला कर सकता है. कोर्ट का कहना था कि अपनी अस्थायी रिहाई अवधि के दौरान गुरमीत उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा में डेरा आश्रम जाएंगे. इससे पहले जून में गुरमीत ने हाईकोर्ट का रुख किया था और 21 दिन की फरलो दिए जाने की मांग की थी. चूंकि 29 फरवरी को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि मेरी अनुमति के बिना डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को और पैरोल ना दी जाए. गुरमीत को इसी साल 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी.
जब भी राम रहीम को पैरोल या फरलो दी जाती है, जेल प्रशासन और सरकार पर सवाल उठते हैं.
गुरमीत को कब-कब मिली पैरोल या फरलो?
क्यों चुनाव से जोड़कर सवाल किए जा रहे?
दरअसल, गुरमीत राम रहीम सिंह के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने का ऐलान किया था. इतना ही नहीं, डेरा सच्चा सौदा ने 15 सदस्यीय कमेटी को चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त किया था. डेरा का प्रभाव पंजाब-हरियाणा सीमा से सटे जिलों जैसे सिरसा, कुरूक्षेत्र, कैथल में है. पंजाब और हरियाणा के कई डेरों को बड़ा वोट बैंक माना जाता रहा है.
देश का पहला और इकलौता मामला
जेल जाने के बाद पिछले चार सालों में राम रहीम कुल 254 दिन से ज्यादा की पैरोल और फरलो मंजूर की जा चुकी है. यानी गुरमीत को 8 महीने से ज्यादा वक्त के लिए जेल से जाने की छूट दी जा चुकी है. इस आंकड़े में अभी मिली फरलो के 21 दिन भी शामिल हैं. इतनी जल्दी-जल्दी और इतनी ज्यादा पैरोल या फरलो मिलने का ये शायद देश का पहला और इकलौता मामला है.
क्यों सजा काट रहा है गुरमीत?
गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी दो शिष्याओं से रेप के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है और हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है. उसे 2017 में सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा, डेरा प्रमुख गुरमीत और तीन अन्य को 16 साल पुराने पत्रकार हत्याकांड में 2019 में दोषी ठहराया गया था.
इससे पहले मई में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 22 साल पुराने (साल 2002) रणजीत सिंह हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को बरी कर दिया था. इन सभी को 2021 में पंचकुला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया था. गुरमीत को आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था.