
गुरुग्राम के सेक्टर-10 सिविल अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां भोंडसी जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी इलाज के बहाने अस्पताल पहुंचा और लगातार चार रातें अपने घर में पत्नी के साथ बिताने में कामयाब रहा. पुलिस को जब इस घटना की भनक लगी, तो कैदी को गिरफ्तार कर पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया गया.
इलाज के बहाने अस्पताल से घर पहुंचता था कैदी
घटना 20 मार्च की है, जब गुरुग्राम के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 11 संगीन मामलों में आरोपी विचाराधीन कैदी रोहित इलाज के बहाने सेक्टर-10 के नागरिक अस्पताल में भर्ती हुआ. लेकिन उसका इलाज करवाने के बजाय, तीन पुलिसकर्मियों की मदद से वह हर रात अपने वजीरपुर स्थित घर चला जाता और सुबह होने से पहले फिर से अस्पताल की कैदी बैरक में लौट आता.
इस सनसनीखेज मामले का खुलासा तब हुआ जब क्राइम ब्रांच के एक पुलिसकर्मी को इस पूरी साजिश की जानकारी मिली. 24 मार्च को रोहित को रंगे हाथों उसके घर से गिरफ्तार किया गया, जब वह अपनी पत्नी के साथ था.
कैदी के जाने के बाद अस्पताल में चलती थी शराब और कबाब की पार्टी
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि रोहित जब अपने घर जाता, तो अस्पताल में तैनात कुछ लोग पुलिसकर्मियों के साथ शराब और कबाब की पार्टी किया करते थे. इस गड़बड़ी की खबर अस्पताल के एक कर्मचारी को लगी, जिसने इस पूरे मामले की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी.
तीन पुलिसकर्मी निलंबित, जांच जारी
कैदी की इस साजिश में शामिल हेड कांस्टेबल पवन और कांस्टेबल धर्मेंद्र व मोहित को गुरुग्राम पुलिस ने निलंबित कर दिया है. इनके खिलाफ सेक्टर-10 थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन में कौन-कौन इस साजिश में शामिल था, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है.
पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
इस मामले के सामने आने के बाद गुरुग्राम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. लेकिन इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि पैसे और पावर के खेल में कैदी और पुलिसकर्मियों के बीच का नेक्सस पूरी तरह उजागर हो चुका है.