
हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद चर्चा अब उन दलों के प्रदर्शन की भी हो रही है जो मतगणना शुरू होने तक सत्ता की चाबी अपने ही हाथ होने के दावे कर रहे थे. ये कह रहे थे कि हरियाणा में हमारे बिना सरकार नहीं बनेगी. हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद आंकड़ों के आइने में ऐसे दल कहां ठहरते हैं जो सूबे की सियासत में तीसरा कोण बनने के दावे कर रहे थे? आइए, नजर डालते हैं.
AAP इस मामले में टॉप पर
हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी खाली हाथ रह गई. पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. पहली बार हरियाणा के चुनावी रण में पूरी ताकत के साथ उतरी आम आदमी पार्टी का खाता नहीं खुल सका लेकिन पार्टी एक मामले में टॉप पर रही. आम आदमी पार्टी के 85 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके जो इस बार किसी एक दल के जमानत बचाने में भी फेल रहे उम्मीदवारों की सर्वाधिक संख्या है.
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला खुद अपनी सीट पर जमानत भी नहीं बचा सके. जेजेपी और एडवोकेट चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (एएसपी) गठबंधन के 82 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. चौटाला परिवार की मूल पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन से 72 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है.
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700 उम्मीदवारों की जब्त हुई जमानत
हरियाणा चुनाव में कुल 700 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है. इस बार 443 निर्दलीयों समेत कुल 1031 उम्मीदवार हरियाणा के रण में ताल ठोक रहे थे. पिछले यानी 2019 के हरियाणा चुनाव की बात करें तो कुल 1159 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे. तब 900 से अधिक उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. आम आदमी पार्टी ने 2019 चुनाव में 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और ज्यादातर सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में विफल रहे थे. हालांकि, कुल मिलाकर देखें तो पिछले चुनाव के मुकाबले ऐसे उम्मीदवारों की तादाद में कमी ही आई है जिनकी जमानत जब्त हो गई हो.
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नोटा को मिले कितने वोट?
हरियाणा विधानसभा चुनाव में नोटा को भी 50 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. सूबे की 90 विधानसभा सीटों के लिए नोटा को कुल 52 हजार 626 वोट मिले हैं. 50 सीटें ऐसी हैं जहां नोटा को 500 से कम वोट मिले हैं जबकि 31 सीटों पर नोटा के वोट 500 से 1000 और नौ सीटों पर एक से दो हजार के बीच रहे हैं. गौरतलब है कि हरियाणा चुनाव में बीजेपी को 48 सीटों पर जीत मिली जो बहुमत के लिए जरूरी 46 के जादुई आंकड़े से कहीं अधिक है. कांग्रेस 37 सीटें ही जीत सकी.