
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है. मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार 28 फरवरी को विधानसभा में बजट पेश करेगी, जिसके लिए सरकार ने विधायकों से सुझाव लेकर बजट को अंतिम रूप दिया है. तीन दिनों तक मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने विधायकों के साथ बैठक कर प्री बजट के लिए सुझाव लिए और उसी के आधार पर बजट का रोडमैप खींचा गया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास वित्त मंत्रालय का विभाग होने के नाते वो पहली बार बजट पेश करेंगे. इसी मद्देनजर उन्होंने पिछले तीन दिनों तक विधायकों संग प्री-बजट को लेकर चर्चा की. इस दौरान प्रदेश के 75 विधायकों ने सीएम के सामने अपने सुझाव रखे जिनमें 71 सुझाव मिले हैं.
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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से लेकर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, बीजेपी-जेजेपी के मंत्री-विधायकों और कांग्रेस-इनेलो के विधायकों ने अलग-अलग सुझाव दिए हैं.
सीएम मनोहर लाल ने सोमवार को प्री बजट को लेकर विधायक से पहली बैठककर सुझाव लिए. इस बैठक के पहले दिन शुरुआती सत्र में 33 विधायकों ने खेती, पशुपालन, मछली पालन, बागवानी और किसानों की माली हालत सुधारने पर सुझाव दिए. इसके बाद दूसरे दिन मंगलवार को भी सीएम ने विधायकों के साथ बैठककर किया, जिसमें शिक्षा और कौशल विकास पर 38 विधायकों ने अपनी बात रखी. इसके बाद बुधवार को तीसरी बैठक की, जिसमें पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, बच्चों और स्वास्थ्य पर मंथन किया गया.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बजट सत्र से पूर्व बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह जनता का बजट होगा. खट्टर ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर सभी विधायकों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं, बजट में कुछ सीमाएं होती हैं. देखा जाएगा कि कौन से सुझाव को कहां जगह दी जा सकती है. हमने सभी विधायकों को सुझाव देने के लिए पांच-पांच मिनट का समय निर्धारित किया है.