
कृषि कानून, किसान आंदोलन को लेकर निशाने पर रही हरियाणा की मनोहर खट्टर सरकार के सामने आज से बड़ी चुनौती पेश होने जा रही है. राज्य की विधानसभा का सत्र आज से शुरू हुआ, जो कि हंगामेदार रहा. दरअसल, कांग्रेस इस सत्र में खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.
ये विधानसभा का बजट सत्र है, हालांकि बजट 10 मार्च को पेश किया जाना है. इस सत्र में हरियाणा सरकार एंटी कन्वर्जन बिल भी ला सकती है, जिसपर सभी की निगाहें हैं. इस बिल को यूपी में लव जिहाद के खिलाफ लाए गए बिल से जोड़ा जा रहा है.
इस बीच विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों ने सदन में काली पट्टी बांधकर विरोध किया. जिसको लेकर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ऐतराज जताया. विज ने कहा सदन में काली पट्टी बांधकर कांग्रेस के विधायकों ने राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का अपमान किया है.
क्या है हरियाणा का नंबर गेम?
अगर खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है, तो क्या वह विधानसभा में टिक पाएगी. इसके लिए नंबर गेम पर नज़र डालें...
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें खाली है.
• 40 बीजेपी
• 10 जेजेपी
• 30 कांग्रेस
• सात निर्दलीय
• 1 हरियाणा लोकहित पार्टी
नंबर गेम के हिसाब से खट्टर सरकार को 45 विधायकों का समर्थन जुटाना होगा. बीजेपी-जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से बनी सरकार के पास 55 विधायकों का समर्थन हासिल था, हालांकि, 8 MLA सरकार से अपनी नाराजगी जता चुके हैं.
JJP के 6 विधायक कृषि कानून के खिलाफ हैं और समर्थन दे रहे दो निर्दलीय विधायक भी अब उसका साथ छोड़ चुके हैं. इस तरह से 8 विधायक सरकार के खिलाफ हो गए हैं, जिसके बाद खट्टर सरकार के समर्थन में फिलहाल 47 की संख्या हो रही है.