
रोहतक से भाजपा के सांसद अरविंद शर्मा ने रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर विवादित बयान दिया. अरविंद शर्मा ने रैली के दौरान कहां कि हरियाणा को ब्राह्मण समाज से मुख्यमंत्री चाहिए क्योंकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसी भी काम के दौरान अपना दिमाग नहीं लगाते.
अरविंद शर्मा ने पहरावर गांव में जमीन को लेकर चल रहे विवाद में हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनीष ग्रोवर पर भी जमकर निशाना साधा. अरविंद शर्मा ने भरी सभा में मनीष ग्रोवर को मूर्ख बताया और कहा कि उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल की है जो ग्रोवर के पक्ष में वोट मांगे थे.
अरविंद शर्मा ने यह बयान रविवार को रोहतक के पहरावर गांव में दिया जहां परशुराम जयंती के मौके पर ब्राह्मण समाज के लिए उस जमीन पर मंदिर अस्पताल और शैक्षणिक संस्था बनाने की बात चल रही थी. शर्मा ने कहा कि 56 साल पहले जब हरियाणा राज्य बना था तो उस समय पंडित भगवत दयाल शर्मा प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का रहा था जबकि साढ़े 4 साल का कार्यकाल अभी भी ब्राह्मण समाज का रहता है. शर्मा ने कहा कि इस बारे में वे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे.
अरविंद शर्मा ने साफ किया कि उनका मकसद सिर्फ ब्राह्मण समाज के लोगों की सेवा करना है ना कि नेता बनना. अरविंद ने जोर देकर कहा कि देश में कभी ऐसा समय भी था जब 22 राज्यों में 10 राज्यों में ब्राह्मण मुख्यमंत्री हुआ करते थे.
इस कार्यक्रम का आयोजन आम आदमी पार्टी हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष नवीन जयहिंद द्वारा किया गया था और नवीन जयहिंद के फेसबुक पर से इसे प्रसारित भी किया गया था. इस मौके पर कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स, जज्बा से विधायक राम कुमार गौतम और और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी मौजूद रहे.
विधायक मोहनलाल बडोली ने अरविंद शर्मा के तल्ख तेवरों पर बोलते हुए कहा सभी राजनेताओं का राजनीति करने का अलग-अलग स्वभाव होता है और यह उनका स्वभाव है, वहीं उन्होंने अरविंद शर्मा पर बोलते हुए कहा कि अभी अरविंद शर्मा भारतीय जनता पार्टी में गए हैं और उन्हें भारतीय जनता पार्टी की कार्यशैली को समझने में समय लगेगा, भारतीय जनता पार्टी के नेता लोगों की सेवा करने की बात करते हैं ना कि शासन की बात करते हैं.