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खट्टर बोले-नमाज मस्जिद या ईदगाह में पढ़ें, पब्लिक प्लेस पर नहीं

खट्टर ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार का काम है. खुले में नमाज की घटनाएं आजकल बढ़ी हैं. नमाज मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए, बजाय कि सार्वजनिक स्थलों के.

मनोहर लाल खट्टर मनोहर लाल खट्टर
वरुण शैलेश/मनजीत सहगल/अशोक सिंघल
  • चंडीगढ़,
  • 06 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:22 PM IST

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम में सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ रहे लोगों को हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा भगाने के मामले में चुप्पी तोड़ी है. खट्टर ने कहा कि नमाज सार्वजनिक जगहों पर नहीं बल्कि मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए.

खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार का काम है. खुले में नमाज की घटनाएं आजकल बढ़ी हैं. नमाज मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए, बजाय कि सार्वजनिक स्थलों के. खट्टर कल से इस्रायल और यूके के दौरे पर जा रहे हैं. उन्होंने इसी की जानकारी देने के लिए प्रेसवार्ता बुलाई थी जिसमें पत्रकारों ने उनसे गुरुग्राम की घटना का जिक्र करते हुए सवाल पूछे थे.

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गौरतलब है कि गुरुग्राम में सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ रहे लोगों को वहां से भगाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. बाद में कई अन्य जगहों पर ऐसी घटनाएं सामने आईं. पुलिस ने एक हिंदू संगठन के कुछ लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी किया था. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने ऐसी जगहों पर पुलिस तैनात कर दी है.

खट्टर ने कहा कि जब तक किसी व्यक्ति को आपत्ति न हो सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने पर कोई आपत्ति नहीं, लेकिन जब किसी की शिकायत आए तो ऐसा नहीं करने दिया जाएगा.

खट्टर ने बताया कि वे 8 मई को इस्राइल में एग्रिटेक सेमिनार में हिस्सा लेंगे और इसके बाद यूनाइटेड किंगडम जाएंगे. उनका फोकस हरियाणा में निवेश लाना है. खट्टर के नमाज पर बयान के बाद माना जा रहा है कि गुरुग्राम सहित राज्य में सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने वाले लोगों को अब हतोत्साहित किया जा सकता है.

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बयान पर दी सफाई

मुख्यमंत्री ने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान में किसी को नमाज पढ़ने से रोकने की कोई बात शामिल नहीं थी. उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी भी तरह की आपत्ति है तो प्रशासन और पुलिस को अवगत कराया जा सकता है. किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस की ही है.

मृत सागर देखने की चाह

इजरायल और ब्रिटेन की यात्रा पर निकले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विदेश दौरों पर होने वाले सरकारी खर्च पर कहा कि हरियाणा की स्थिति पंजाब से बेहतर है, पंजाब तो समय पर वेतन देने में भी नाकाम है. अपने तो एक दिल्ली दौरे के हेलीकॉप्टर का खर्च ही चार लाख रुपए आ जाता है, इसलिए विदेश दौरे निजी हित में नहीं बल्कि प्रदेश हित में हैं.

पसंदीदा पर्यटन स्थल के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा कि वह मृत सागर जरूर देखना चाहते हैं जहां आदमी अगर छलांग भी लगा दे तो डूबता नहीं है. गौरतलब है कि हरियाणा की बीजेपी सरकार के कामकाज के अब कुछ ही महीने बाकी है अगले साल राज्य में चुनाव है. मुख्यमंत्री अपने विदेश दौरों से निवेश हासिल करने के नाम पर अब तक 10 देशों की यात्रा कर चुके हैं लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ है.

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