
हरियाणा में कांग्रेस के नेता कुलदीप बिश्नोई ने सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है. इसके बाद से बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल पंजाब में सुनील जाखड़ जैसे वरिष्ठ नेता का बीजेपी में जाना और उसके बाद गुजरात में हार्दिक पटेल के इस्तीफे के बाद से बिश्नोई की खट्टर से हुई मुलाकात के बाद से चर्चाओं का बाजार गरम है.
इन अटकलों की वजह इसलिए भी है क्योंकि कुछ दिन पहले ही हरियाणा कांग्रेस में फेरबदल हुआ है. लेकिन इसमें कुलदीप बिश्नोई को कोई जगह नहीं मिली है. इसके बाद से ही कुलदीप बिश्नोई नाराज चल रहे हैं. हालांकि सीएम खट्टर से हुई मुलाकात पर बिश्नोई ने कहा है कि वो आदमपुर ग्राम पंचायत की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री से मिले हैं. जिस पर उन्होंने उनकी बात मानते हुए सीएम खट्टर ने निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
हरियाणा कांग्रेस में युवा चेहरा के तौर पहचान बनाने वाले कुलदीप बिश्नोई ने आदमपुर ग्राम पंचायत की बहाली की बात के साथ ही ये भी जोड़ा कि राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई है. बिश्नोई ने ट्विटर पर कहा, 'आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर चल रहे धरने एवं अन्य समस्याओं के निदान सहित राजनीतिक मुद्दों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी से गुरुग्राम में विस्तृत सकारात्मक चर्चा हुई. मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंने आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मेरी बात मानते हुए मेरे सामने निर्देश दिए.'
समर्थकों से कहा था धैर्य रखने को
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने राज्य की कांग्रेस इकाई में फेरबदल के बाद अपने समर्थकों से कहा था कि उन लोगों की तरह वो भी नाराज हैं. इसके साथ ही उन्होंने सबसे धैर्य रखने की भी अपील की थी. गौरतलब है कि कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास उदय भान को राज्य इकाई का अध्यक्ष बना दिया है. उदय भान को ये जिम्मेदारी कुमारी सैलजा की जगह दी गई.
गैर जाट-नेताओं में प्रमुख चेहरा
बात करें कुलदीप बिश्नोई की तो वो अभी कांग्रेस के आदमपुर से विधायक हैं. पार्टी में उनको गैर-जाट नेताओं में प्रमुख चेहरे के तौर पर देखा जाता है. हालांकि कांग्रेस से उनके संबंध उतार-चढ़ाव भरे ही रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर भी उन्होंने पार्टी को असहज करने वाले बयान दिए थे. वहीं साल 2005 में जब उनके पिता भजनलाल को दरकिनार कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम बनाया गया तो उन्होंने नाराज होकर 2 साल बाद कांग्रेस छोड़ दिया और अपनी नई पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया था.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरोधी रहे कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी के साथ गठबंधन भी किया. लेकिन साल 2014 के चुनाव के बाद बीजेपी हरियाणा में इतनी मजबूत हो गई कि उसको किसी के समर्थन की जरूरत ही न रही. कुछ दिन बाद कुलदीप बिश्नोई फिर कांग्रेस में वापस आ गए.