
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्तूबर को चुनाव होना है. इसको लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. लेकिन इसी बीच निर्वाचन आयोग ने हरियाणा की मौजूदा सरकार को एक झटका दिया है. दरअसल, चुनाव आयोग ने हरियाणा में राज्य मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति को अभी टालने का आदेश दिया है. राज्य सरकार आयोग के पिछले साल से खाली पदों को चुनाव से ऐन पहले भरना चाहती थी. लेकिन चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अब कोई नई भर्ती विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन हफ्ते में ही की जाएगी. यानी अब जो करना है वो नई सरकार ही करेगी.
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की शिकायत पर चुनाव आयोग ने ये आदेश दिया है. निर्वाचन आयोग ने हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, सदस्य (न्यायिक) और सदस्य (गैर-न्यायिक) की नियुक्ति के लिए चयन समिति की बैठक को हरियाणा में विधानसभा चुनाव पूरा होने तक स्थगित कर दिया है. एक रिपोर्ट में बताया गया था कि ये पद पिछले साल से खाली पड़े हैं. एक रिट याचिका पर कार्रवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल को को राज्य सरकार को लोकसभा चुनाव आचार संहिता यानी एमसीसी के हटने के 3 सप्ताह की अवधि के भीतर सभी पदों को भरने का निर्देश दिया था.
यह भी पढ़ें: 'हरियाणा में बनेगी इनेलो की सरकार, कांग्रेस-बीजेपी और AAP ने लोगों को किया गुमराह', बोलीं अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल
लेकिन राज्य सरकार द्वारा न्यायालय के निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया. जबकि पर्याप्त समय उपलब्ध था. इस बीच, एक अवमानना याचिका दायर की गई. इसे 8 सितंबर को सुनवाई के सूचीबद्ध किया गया था. लेकिन रणनीति के तहत राज्य के वकील के अनुरोध पर इसे 12 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
अब आयोग ने अपने आदेश में कहा कि ये पद एक वर्ष से अधिक समय से रिक्त पड़े हैं. ऐसे में अब इन पदों पर भर्ती चुनाव परिणाम के बाद ही की जाएगी. बता दें कि हरियाणा में 5 अक्तूबर को वोटिंग होनी है. एक ही चरण में यहां मतदान होने हैं. नतीजे 8 अक्तूबर को आएंगे.