
हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारियों पर गाज गिरने लगी है. हरियाणा सरकार ने तीन एचसीएस अधिकारियों और 10 पुलिस उपाधीक्षकों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
निलंबित किए गए एचसीएस अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह, पंकज कुमार और जगदीप सिंह हैं. उन्होंने बताया कि निलंबन की अवधि के दौरान उनका मुख्यालय चंडीगढ़ में मुख्य सचिव कार्यालय की सर्विस शाखा में होगा. वे मुख्य सचिव की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे.
इसके अलावा निलंबित किए गए पुलिस उपाधीक्षकों में सुखबीर सिंह, डीएसपी, राज्य अपराध शाखा (एससीबी), सुरेन्द्र सिंह, डीएसपी, एससीबी, विजेन्द्र सिंह, डीएसपी मुख्यालय, रोहतक और पवन कुमार, डीएसपी, रोहतक शामिल हैं.
जगत सिंह, डीएसपी, बेरी, संदीप मलिक, डीएसपी, सीआईडी, राजबीर सिंह, डीएसपी, लोहारू और विनोद कुमार, एसीपी, फरीदाबाद, सुनील कुमार, डीएसपी, सोनीपत और सतीश कुमार, डीएसपी, खरखौंदा को भी निलंबित किया गया है.
जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पुलिस और अफसरों की भूमिका की जांच कर रही टीम के प्रमुख यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने माना है कि आंदोलन के दौरान पुलिस की ओर से बड़ी लापरवाही बरती गई. प्रकाश सिंह कमेटी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.