Advertisement

हरियाणा का वो शख्स, जो अब तक 5600 सांप पकड़ चुका है, 10 बार सांप काट भी चुके हैं

हरियाणा का एक शख्स करीब 10 साल से सांपों को बचाने का काम कर रहा है. ऐसा नहीं है कि सांप उसे नुकसान नहीं पहुंचाते. रेस्क्यू के दौरान करीब 10 सांपों ने उसे काट लिया, लेकिन उन्होंने सांपों को बचाने का काम नहीं छोड़ा.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रहने वाले पवन जोगपाल के लिए सांपों को बचाना बच्चों का खेल है, जो 10 बार काटे जाने के बाद भी डगमगाते नहीं हैं. वह करीब 10 साल से सांपों को बचा रहे हैं, जो ग्रामीण इलाकों में लोगों के घरों में घुस आते हैं. 28 वर्षीय पवन जोगपाल भट्टू कलां गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने दावा कि कि अबतक वह 5600 से अधिक सांपों को बचा चुके हैं और इस दौरान 10 बार सांप उन्हें काट चुके हैं. 

Advertisement

उन्होंने कहा, "मैंने हाल ही में जिस सांप का रेस्क्यू किया था, वह कोबरा का बच्चा था, जिसे फतेहाबाद में स्वतंत्रता दिवस समारोह स्थल के पास एक खुले क्षेत्र में देखा गया था, जहां मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराना था." जोगपाल ने कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में जलभराव हो गया था, इस दौरान कई सांप बचने के लिए पेड़ों पर रहने लगे, उन्हें बचाकर जंगल में छोड़ दिया.  

जोगपाल ने कहा, "मैं 10 साल से अधिक समय से सांपों को बचा रहा हूं. उनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जो गांवों में लोगों के घरों और बगीचों में घुस जाते हैं." उन्हें सांपों को बचाने के लिए किस बात ने प्रेरित किया, यह पूछे जाने पर उन्होंने एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि जब मैं करीब 17 साल का था, तभी मेरे घर में एक सांप घुस आया था.  

Advertisement

कैसे मिली सांपों को बचाने की प्रेरणा?

जोगपाल ने कहा कि जब वहां और पड़ोसी इकट्ठा हुए और लोग उसे मारने की कोशिश कर रहे थे, तो वह उन्हें जीव को नुकसान न पहुंचाने के लिए मना रहे थे. उन्होंने कहा, "मैंने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन इसी बीच किसी ने सांप पर हमला कर दिया और उसे मार डाला. उस घटना ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी. बाद में मैंने डिस्कवरी चैनल देखना शुरू किया. सबसे पहले मैंने छोटे सांपों को बचाना शुरू किया. मैंने इसके बारे में कई किताबें पढ़ीं और सांपों के बारे में ज्ञान इकट्ठा किया."  

उन्होंने कहा, अब मैं सांपों को आसानी से संभाल सकता हूं. अबतक मैंने 5600 से अधिक सांपों को बचाया है. मुझे 10 बार सांपों ने काटा है, जिसमें एक कोबरा भी शामिल है, जिसकी वजह से मुझे दो दिन के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. मुझे एक बार वोल्फ स्नेक ने भी काटा था, जो गैरविषैला था.  

घायल पक्षियों को भी बचाते हैं जोगपाल

उन्होंने कहा कि वह मॉनिटर छिपकली या किसी भी पक्षी को भी बचाते हैं जो उन्हें घायल मिलता है. उन्होंने कहा, "लोग मुझे फोन पर बुलाते हैं और मैं अपनी टीम के साथ वहां पहुंचता हूं और हम सांपों को बचाकर उन्हें जंगलों में छोड़ देते हैं." 

Advertisement

बाढ़ के दौरान कई रेट स्नेक, कोबरा और सामान्य सांप पेड़ पर चिपके हुए पाए गए. उन्होंने पेड़ों और झाड़ियों पर आश्रय लिया था क्योंकि वे लंबे समय तक पानी में नहीं रह सकते थे. उन्होंने कि मैंने ऐसे 400-500 सांपों को बचाया. जोगपाल ने कहा कि उनकी टीम में तीन और लोग हैं जो उनके लिए काम करते हैं. 

सांप को पकड़ने के लिए पूरा सामान

उन्होंने कहा, "हम अपने साथ विशेष दस्ताने, लाठी, जूते, हुक और अन्य सुरक्षा गियर रखते हैं." उन्होंने कहा कि फतेहाबाद जिला प्रशासन ने भी उनकी और उनकी टीम की समाज सेवा को मान्यता दी है और उन्हें पहले भी सम्मानित किया है. जोगपाल ने कहा, शुरुआत में जब मैंने सांपों को बचाना शुरू किया और इसे पूर्णकालिक काम के रूप में लिया तो मेरा परिवार मुझे ऐसा न करने से मना करता था, लेकिन अब मुझे जो करना पसंद है, उससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. जोगपाल ने कहा कि वह सांपों के बारे में लोगों को जागरूक करने की भी कोशिश करते हैं. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement