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हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर BJP-जेजेपी सरकार की 'परीक्षा', जानें किसका पलड़ा भारी

किसान आंदोलन के मुद्दे पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस हरियाणा विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. इस पर करीब 2 घंटे तक सदन में बहस होगी और उसके बाद हेडकाउंट के माध्यम से वोटिंग की जाएगी. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन काफी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है.

हरियाणा विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव (फाइल फोटो-PTI) हरियाणा विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव (फाइल फोटो-PTI)
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 09 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 12:15 AM IST
  • हरियाणा विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव
  • जेजेपी को विधानसभा में सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर
  • गठबंधन सरकार का दावा- समर्थन में हैं 55 विधायक

किसान आंदोलन के मुद्दे पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस हरियाणा विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. इस पर करीब 2 घंटे तक सदन में बहस होगी और उसके बाद हेडकाउंट के माध्यम से वोटिंग की जाएगी. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन काफी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है.

मगर जिस तरह से किसान संगठनों ने सरकार को समर्थन दे रहे जेजेपी और निर्दलीय विधायकों पर दबाव बना रखा है कि वो इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करें और सरकार से अलग हो. उसके बाद कहीं ना कहीं क्रॉस वोटिंग का भी डर अभी गठबंधन सरकार को है. 

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विधानसभा में क्या है समीकरण?

हालांकि बीजेपी और जेजेपी समेत कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों को व्हिप जारी करके हर हाल में अपने साथ रखने की कोशिश की है. अगर विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डालें तो अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के सामने चुनौती है. इस लिहाज से देखा जाए तो समर्थन के लिए बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को 45 वोट की जरूरत है. गठबंधन सरकार अपने पक्ष में 55 वोट होने का दावा कर रही है. जानें क्या है समीकरण?

हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से अभी 88 सिटिंग विधायक हैं. कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं. सत्ता में बैठी बीजेपी के पास 40 विधायक हैं. बीजेपी को समर्थन दे रही सहयोगी जेजेपी के पास 10 विधायक हैं, जबकि 5 निर्दलीय विधायकों ने सरकार को समर्थन दे रखा है. वहीं 2 निर्दलीय विधायक सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं.

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हरियाणा की गठबंधन सरकार का दावा है कि उनके पास कुल 55 विधायक हैं, लेकिन जेजेपी के कुछ विधायकों ने हाल ही में किसान आंदोलन के समर्थन में बयान भी दिए हैं, और उन पर गांवों की पंचायतों के साथ ही किसान संगठनों का भी दबाव है कि वो खट्टर सरकार से समर्थन वापिस लें.

जेजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर

इसी वजह से कहीं ना कहीं जेजेपी को आशंका है कि क्रॉस वोटिंग ना हो जाए. इसीलिए उन्होंने अपने तमाम विधायकों को व्हिप जारी कर रखा है.

इस पूरे मामले पर जेजेपी के सीनियर विधायक देवेंद्र बबली ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को नसीहत दे डाली कि वो किसानों के समर्थन में खट्टर सरकार को दिया गया समर्थन वापस ले लें और अपने विधायकों को सरकार से अलग कर लें. देवेंद्र बबली ने ये तक कह डाला कि इस वक्त हालात ये हैं कि कोई भी विधायक क्या खुद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसी भी गांव के कार्यक्रम में जा नहीं सकते क्योंकि किसान लगातार उनका बहिष्कार और विरोध कर रहे हैं.

इस मामले पर सरकार को बड़ी राहत तब मिली जब जेजेपी के एक और तीखे तेवर दिखा रहे विधायक रामकुमार गौतम ने साफ कर दिया कि वो अविश्वास प्रस्ताव में सरकार का समर्थन करेंगे. लेकिन वो हैं किसानों के साथ और केंद्र सरकार को किसानों की बात जरूर सुननी चाहिए. लेकिन उन्होंने नपा-तुला बयान देते हुए कहा कि किसानों के मुद्दे पर फैसला केंद्र सरकार को करना है ना कि हरियाणा सरकार को. इसलिए वो हरियाणा सरकार को अविश्वास प्रस्ताव में समर्थन देंगे.

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इस पूरे मामले पर सरकार को समर्थन दे रहे 5 निर्दलीय विधायकों ने भी साफ कर दिया कि वो पूरी तरह से सरकार के साथ हैं.

हालांकि, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और अविश्वास प्रस्ताव ला रहे सीनियर कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर विधायकों को अपने विवेक से काम लेना चाहिए और जिन लोगों से वोट हासिल करके हम सब विधायक बने हैं उनकी बात सुननी चाहिए. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद साफ हो जाएगा कि कौन विधायक जनता और किसानों के साथ है और कौन उनके खिलाफ.

गठबंधन सरकार निश्चिंत!
 
वहीं हरियाणा सरकार पूरी तरह से निश्चिंत है. हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अगर कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव लेकर आना है तो उन्हें कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ लेकर आना चाहिए. क्योंकि कांग्रेस के नेताओं को अपने आलाकमान पर ही विश्वास नहीं है. अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव सदन में बुरी तरह से गिरेगा.

मगर हरियाणा की गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले चुके निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि निर्दलीय के साथ ही अन्य पार्टी के विधायकों की भी परीक्षा है. उन्हें किसानों के हित में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए.

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वहीं हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि इस वक्त सिटिंग विधायकों की संख्या के हिसाब से अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में कुल 45 वोट होने चाहिए और 2 घंटे की चर्चा के बाद जो वोटिंग सदन में की जाएगी वो हेडकाउंट के हिसाब से की जाएगी और इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई है.


 

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