
हरियाणा के नूंह में हिंसा को लेकर एक बार फिर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन में मतभेद दिखाई दिए. राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की वजह को लेकर बीजेपी और जेजेपी के नेताओं के परस्पर विरोधी बयान सामने आए. जहां बीजेपी की ओर से गोरक्षक मोनू मानेसर को क्लीन चिट देने की कोशिश की गई, वहीं जेजेपी नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उसने आग में घी डालने का काम किया है.
बीजेपी को छोड़कर ज्यादातर नेताओं और विपक्षी दलों का कहना है कि सांप्रदायिक हिंसा के लिए बजरंग दल की गौरक्षक शाखा का प्रमुख मोनू मानेसर जिम्मेदार था. उसने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर यह घोषणा करके हिंसा भड़काने की कोशिश की कि वह अपने समर्थकों के साथ यात्रा में शामिल होगा.
जेजेपी नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि जो लोग खुद को गौरक्षक कहते हैं, वे वास्तव में खुद गाय नहीं पालते हैं, जोकि गंभीर चिंता का विषय है. दुष्यंत ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है. आपने जिस व्यक्ति (मोनू) का नाम लिया है, उसे भी पुलिस ने चिह्नित कर लिया है. मुझे लगता है कि उसने आग में घी डालने का काम किया. हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे."
मोनू का वीडियो भड़काऊ नहीं: BJP
वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गृह मंत्री अनिल विज और विधानसभा अध्यक्ष समेत बीजेपी के कई नेताओं ने कहा कि मोनू यात्रा में मौजूद नहीं था और मुस्लिम समुदाय के लोग हिंसा को सही ठहराने के लिए उसके नाम का इस्तेमाल कर रहे थे.
सीएम खट्टर ने कहा, "देखिए जहां तक मोनू मानेसर की बात है तो वह राजस्थान में एक मामले का सामना कर रहा है. हमने राजस्थान सरकार को आश्वासन दिया है कि हम हर तरह की मदद करेंगे. राजस्थान पुलिस उसकी तलाश कर रही है. हमारे पास उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. वे उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं.''
वहीं गृह मंत्री अनिल विज ने दावा किया कि मोनू मानेसर द्वारा शेयर किया गया वीडियो बिल्कुल भी भड़काऊ नहीं है. विज ने कहा, "मोनू मानेसर अपने वीडियो में कहीं भी हिंसा में शामिल होने की बात नहीं कह रहा है. वह लोगों से यात्रा में शामिल होने की अपील कर रहा है. हम इस पहलू की भी जांच कर रहे हैं."
इसके अलावा हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि हिंसा करने वाले अपने गलत कार्यों को छिपाने के लिए मोनू मानेसर के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. गुप्ता ने कहा, "वे (मुसलमान) मोनू को बदमाश बताने की कोशिश कर रहे हैं. वह वहां मौजूद भी नहीं था. हिंसा की साजिश उसके नाम पर रची गई थी, जिसकी जांच की जानी चाहिए."
बीजेपी ने VHP, बजरंग दल को दी क्लीन चिट
नूंह में ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकालने को लेकर भी दोनों दलों के नेताओं के बीच मतभेद देखने को मिला. दुष्यंत चौटाला ने इस जुलूस के आयोजकों पर पुलिस से जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है. चौटाला ने कहा, "आयोजकों ने पुलिस प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की क्योंकि उन्होंने भीड़ के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी. हिंसा की संभावना के बारे में अलग-अलग इनपुट थे जिनकी जांच की जा रही है." जबकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि यात्रा तीन साल से हो रही थी. आयोजकों ने यात्रा आयोजित करने के लिए पुलिस से पूर्व अनुमति ली थी, जिस पर असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया.
दुष्यंत ने मांगी हिंसा की पूरी रिपोर्ट
दिलचस्प बात यह है कि नूंह और गुरुग्राम समेत हरियाणा के जिन जिलों में सांप्रदायिक घटनाएं हुईं हैं, उनकी दुष्यंत चौटाला ने पूरी रिपोर्ट मांगी है. चौटाला ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. चाहे वह नेता हो या हिंसा में शामिल समाज या समुदाय का कोई अन्य सदस्य हो. प्रशासन की ओर से कमियां थीं. कानून का उल्लंघन करने वाले पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी को भी दंडित किया जाना चाहिए.
नूंह हिंसा प्रशासन की विफलता: दुष्यंत चौटाला
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने हिंसा को प्रशासन की विफलता करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस इसको लेकर अनुमान नहीं लगा सकी क्योंकि यात्रा के आयोजकों ने भीड़ की स्पष्ट जानकारी नहीं दी. प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा, "मुझे लगता है कि पुलिस-प्रशासन की तैयारी पूरी नहीं थी. पुलिस अधीक्षक पारिवारिक मुद्दों के कारण छुट्टी पर थे और अतिरिक्त प्रभार पड़ोसी जिले के उनके समकक्ष को दिया गया था. पुलिस सही समय पर नहीं पहुंच सकी. मुझे लगता है कि दोपहर में हमने केवल एसपी भिवानी को एसपी नूंह के रूप में कार्यभार संभालने के लिए भेजा है."
उचाना कला सीट को लेकर हुई थी तकरार
नूंह हिंसा को लेकर जेजेपी-बीजेपी गठबंधन में एक बार फिर तकरार देखने को मिली है. इस घटना ने दोनों दलों के नेताओं के बीच वैचारिक मतभेद को उजागर कर दिया है. इससे पहले इसी साल जून में दोनों दलों के बीच उचाना कला सीट को लेकर तीखी जुबानी जंग देखने को मिली थी.