Advertisement

Gurugram land scam case: वाड्रा-हुड्डा की बढ़ेंगी मुश्किलें, जांच को मंजूरी

Gurugram land scam case पुलिस ने वाड्रा, हुड्डा और अन्य के खिलाफ एक सितंबर को खेड़की दौला पुलिस थाने में मामला दर्ज किया था. यह मामला तावडू निवासी सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर दर्ज किया गया था. शर्मा ने आरोप लगाया था कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी ने लोगों और सरकार को धोखा दिया है.

रॉबर्ट वाड्रा (फाइल फोटो) रॉबर्ट वाड्रा (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के.के. राव ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ कथित जमीन घोटाला मामले में आगे की जांच की अनुमति दे दी है. राव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, गुरुग्राम पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद हमने राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी. अधिकारियों ने हमें अनुमति दे दी है, इसलिए हम कथित भूमि घोटाले की आगे की जांच कर रहे हैं.

Advertisement

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार पुलिस ने वाड्रा, हुड्डा और अन्य के खिलाफ एक सितंबर को खेड़की दौला पुलिस थाने में मामला दर्ज किया था. यह मामला तावडू निवासी सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर दर्ज किया गया था. शर्मा ने आरोप लगाया था कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी ने लोगों और सरकार को धोखा दिया है.

यह है मामला

शिकायतकर्ता सुरेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया था कि वाड्रा की कंपनी ने नियमों को दरकिनार कर घोटाले को अंजाम दिया है. उनका आरोप है कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी ने शिकोहपुर में करीब साढ़े सात करोड़ में जमीन खरीदी थी. कमर्शियल लाइसेंस मिलने के बाद इस जमीन की कीमत काफी हद तक बढ़ गई और बाद में इसे डीएलएफ यूनिवर्सल को 58 करोड़ रुपये में बेचा गया. इसमें शिकायत थी कि नियमों को ताक पर रखकर यह जमीन सौदा हुआ है. साथ ही कमर्शियल लाइसेंस देने में भी तत्कालीन हुड्डा सरकार ने नियमों का पालन नहीं किया गया.

Advertisement

इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 (साजिश रचने) व 467, 468, 471 (जालसाजी) के तहत एक मामला दर्ज किया गया. हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सत्ता में आने के बाद सरकार ने जमीन घोटाले की जांच के लिए 14 मई, 2015 को एक सदस्यीय आयोग का गठन करते हुए जस्टिस एस.एन. ढींगरा को जांच का जिम्मा सौंपा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement