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जींद-सोनीपत रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, 110 KM की टॉप स्पीड पर होगा ट्रायल

भारत ने हाल ही में दुनिया में सबसे ज्यादा क्षमता वाला हाइड्रोजन फ्यूल-बेस्ड ट्रेन इंजन बनाया है. जहां ज्यादातर देशों ने 500 से 600 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाली हाइड्रोजन ट्रेनें बनाई हैं, वहीं भारत ने 1,200 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाला इंजन बनाकर एक बड़ी सफलता हासिल की है.

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल रन जींद-सोनीपत रूट पर शुरू होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर) भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल रन जींद-सोनीपत रूट पर शुरू होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

डीजल से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव पर शिफ्ट होने के बाद, भारतीय रेलवे अब मोबिलिटी के एक नए युग में प्रवेश करने के लिए तैयार है. रेल मंत्रालय भारत में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हरियाणा के जींद-सोनीपत मार्ग पर आज से इस ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है. हाइड्रोजन फ्यूल सेल द्वारा संचालित ये ट्रेनें डीजल ट्रेनों के विपरीत इमिशन के रूप में सिर्फ वाटर और हीट जनरेट करती हैं. 

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ये ट्रेनें कार्बन उत्सर्जन और ध्वनि प्रदूषण को काफी हद तक कम करती हैं. जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन के बाद भारत हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रेन चलाने वाला विश्व का पांचवां देश बन जाएगा. भारतीय रेलवे ने 35 हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रेनें चलाने के लिए 'हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज' पहल शुरू की है. भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा किया गया है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत सरकार ने 35 हाइड्रोजन फ्यूल सेल-बेस्ड ट्रेनों को विकसित करने के लिए रेलवे को 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.

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भारत में दुनिया का सबसे ताकतवर हाइड्रोजन लोकोमोटिव

भारत ने हाल ही में दुनिया में सबसे ज्यादा क्षमता वाला हाइड्रोजन फ्यूल-बेस्ड ट्रेन इंजन बनाया है. जहां ज्यादातर देशों ने 500 से 600 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाली हाइड्रोजन ट्रेनें बनाई हैं, वहीं भारत ने 1,200 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाला इंजन बनाकर एक बड़ी सफलता हासिल की है. पहली हाइड्रोजन ट्रेन नॉर्थ रेलवे के दिल्ली डिवीजन को मिली है. इसका ट्रायल रन 89 किलोमीटर लंबे जींद-सोनीपत सेक्शन पर होगा. इस प्रोजेक्ट पर प्रति ट्रेन 80 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. प्रत्येक रूट पर अतिरिक्त 70 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए इंवेस्ट किए जाएंगे.

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हरियाणा के जींद में होगा ट्रेन के लिए हाइड्रोजन प्रोडक्शन

भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन ट्रेन के लिए जर्मनी की टीयूवी-एसयूडी से थर्ड पार्टी सिक्योरिटी ऑडिट कराया था, ताकि इसके आधिकारिक लॉन्च से पहले उच्च सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किया जा सके. इन ट्रेनों के लिए हाइड्रोजन का प्रोडक्शन हरियाणा के जींद में 1 मेगावाट पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन (PEM) इलेक्ट्रोलाइजर द्वारा किया जाएगा. इस फैसिलिटी से प्रतिदिन लगभग 430 किलोग्राम हाइड्रोजन प्रोडक्शन होने की उम्मीद है. जींद में 3,000 किलोग्राम हाइड्रोजन स्टोरेज सिस्टम, एक हाइड्रोजन कंप्रेसर और प्री-कूलर इंटीग्रेशन के साथ दो हाइड्रोजन डिस्पेंसर भी बनाए गए हैं, जिससे ट्रेन में सुरक्षित तरीके से ईंधन भरा जा सके.

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हाइड्रोजन ट्रेन अधिकतम 110 किमी की रफ्तार से चलेगी

हाइड्रोजन ट्रेन अधिकतम 110 किमी/घंटा की गति से चलेगी. एक ट्रेन में कुल 2,638 पैसेंजर्स को कैरी करने की क्षमता होगी. हरियाणा रूट पर रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत है, इसलिए पहली हाइड्रोजन ट्रेन के संचालन के लिए जींद-सोनीपत रूट को चुना गया है. यह परियोजना 2030 तक भारतीय रेलवे को नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जक बनाने के लक्ष्य का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट में प्रारंभिक निवेश भले ही अधिक है, लेकिन ईंधन पर दीर्घकालिक बचत और पर्यावरणीय लाभ इसे लागत प्रभावी विकल्प बनाते हैं.

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