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6 साल का बेटा, ढाई साल की बेटी... रुला देगी अनंतनाग में शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की कहानी

अनंतनाग में शहीद हुए सेना का कर्नल मनप्रीत सिंह पंजाब में मोहाली के रहने वाले थे. परिवार में बीवी, 6 साल का बेटा और ढाई साल की बेटी है. मनप्रीत सिंह के भाई संदीप सिंह से 'आजतक' ने बात की. उन्होंने बताया कि 6 दिन पहले ही उनकी भाई मनप्रीत से बात हुई थी. कल भी फोन किया लेकिन मनप्रीत ने फोन नहीं उठाया. फिर यह दुखद खबर परिवार को मिली कि मनप्रीत शहीद हो गए हैं.

अनंतनाग में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह. अनंतनाग में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह.
कमलजीत संधू
  • पंचकूला,
  • 14 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST

भैया ने मुझे एक काम दिया था. 6 दिन पहले ही उनसे बात हुई थी. कल फोन किया तो उन्होंने उठाया नहीं. फिर हमें बुरी खबर मिली... इतना कहते ही अनंतनाग में शहीद हुए सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह के भाई संदीप सिंह रो पड़े. उन्होंने बताया कि भैया हमेशा हमारा फोन उठाते थे. अगर बिजी भी होते थे तो हमें बता देते थे कि मैं बाद में बात करता हूं. लेकिन इस बार उन्होंने फोन उठाया ही नहीं. मुझे लगा वो बिजी होंगे. लेकिन ये कभी नहीं सोचा था कि भैया शहीद हो गए हैं.

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बता दें, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में दो सेना के अधिकारी और एक डीएसपी शहीद हो गए. इनमें कर्नल मनप्रीत सिंह भी शामिल थे. कर्नल मनप्रीत के घर जब से उनकी शहादत की खबर पहुंची है, तभी से वहां मातम पसरा हुआ है. परिजनों और आस-पड़ोस के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है.

'आजतक' से बातचीत में कर्नल मनप्रीत के भाई संदीप सिंह ने बात की. कहा कि मेरी उनसे पांच से 6 दिन पहले बात हुई थी. उन्हें बुक बाइंडिंग का कुछ काम करवाना था. कल (बुधवार) फोन किया तो उन्होंने उठाया नहीं. हमेशा फोन का रिस्पोंस देते थे. लेकिन इस बार उन्होंने फोन ही नहीं उठाया. फिर उनकी शहादत की खबर हमें मिली.

कर्नल के भाई संदीप सिंह.

जानकारी के मुताबिक, कर्नल मनप्रीत पिछले चार साल से अनंतनाग में पोस्टेड थे. वह 19RR CO सिख रेजिमेंट में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उनके पिता भी सेना में थे. 2014 में उनकी बीमारी से मौत हो गई थी.

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2016 में हुई थी मनप्रीत सिंह की शादी

संदीप सिंह ने बताया कि मनप्रीत भैया अपने परिवार से बेहद प्यार करते थे. सारा परिवार मोहाली में रहता है. लेकिन भाभी जगमीत ग्रेवाल टीचर हैं. उनकी पोस्टिंग मोरनी के सरकारी स्कूल में है. इसलिए वह बेटे कबीर सिंह (6) और बेटी वाणी (ढाई साल) के साथ अपने माता-पिता के घर यानि पंचकूला में रह रही हैं. क्योंकि वहां से भाभी का स्कूल पास में है. भाभी को पहले हमने इस बात की जानकारी नहीं दी थी कि भैया शहीद हो गए हैं. बाद में उन्हें इस बारे में बताया गया. मनप्रीत सिंह की साल 2016 में पंचकूला निवासी जगमीत कौर से शादी हुई थी.

2005 में लेफ्टिनेंट बने थे मनप्रीत सिंह

मनप्रीत के भाई संदीप ने बताया कि साल 2003 में सीडीएस की परीक्षा पास कर ट्रेनिंग के बाद भाई 2005 में लेफ्टिनेंट बने थे. मनप्रीत सिंह ने ट्रेनिंग पर जाते समय कहा था कि, उन्हें नहीं मालूम कि डर क्या होता है, मौत को पीछे छोड़कर भारत माता की सेवा करने के लिए सेना में शामिल हो रहा हूं. मार्च 2021 में कर्नल मनप्रीत सिंह को उनके अदम्य साहस के लिए गैलेंट्री सेना मेडल से नवाजा गया था. मनप्रीत बचपन से ही सेना में अफसर बनने की चाहत रखते थे. किसी के पूछने पर उनका एक ही जवाब होता था कि जैसे पिता सेना में बतौर सिपाही अफसरों को सैल्यूट करते हैं, एक दिन वह अफसर बनेगा और अपने पिता के साथ खड़ा होगा तो वही अफसर उसे भी सैल्यूट करेंगे. मनप्रीत के पिता लखमीर सिंह 12 सिख लाइट इन्फेंट्री से बतौर हवलदार रिटायर्ड हुए थे.

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कर्नल के पिता की 2014 में हुई थी मौत.

आर्मी बैकग्राउंड से है पूरी फैमिली

संदीप सिंह ने बताया कि तीन भाई-बहनों में मनप्रीत सबसे बड़े थे, दूसरे नंबर पर उनकी बहन संदीप कौर और तीसरे नंबर पर वह खुद हैं. उनके दादा स्वर्गीय शीतल सिंह, उनके भाई साधु सिंह और त्रिलोक सिंह तीनों सेना से रिटायर्ड थे. वहीं उनके पिता लखमीर सिंह सेना में बतौर सिपाही भर्ती होकर हवलदार के पद पर रिटायर हुए थे. चाचा भी सेना में रहे हैं. इसके बाद पिता पंजाब यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी ब्रांच में तैनात थे. साल 2014 में पिता की ब्रेन हैम्रेज से मौत होने के बाद उनकी जगह अनुकंपा पर उन्हें असिस्टेंट क्लर्क की नौकरी मिली है. उनके पूरे परिवार ने सेना में रहकर देश की सेवा की है.

 

 

कर्नल मनप्रीत सिंह के ससुर जगदेव सिंह ने बताया, ''मनप्रीत का शव शाम चार से पांच बचे उनके घर मोहाली में पहुंच जाएगा. हम लोगों को मनप्रीत के बारे में बुधवार शाम को पता चला. तीन साल पहले ही मनप्रीत की प्रमोशन हुई थी.'' बता दें, कर्नल मनप्रीत ग्रेवाल के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार आज यानि गुरुवार को किया जाएगा.

मनप्रीत सिंह की शहादत की कहानी

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में छिपे आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना और पुलिस की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी. इस ऑपरेशन को कर्नल मनप्रीत सिंह लीड कर रहे थे इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी, इस मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए.

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