कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन एक साल से जारी है. दिल्ली की सड़कों के बाद अब ये प्रदर्शन अलग-अलग राज्यो तक पहुंच रहा है. किसानों ने कानून वापसी की मांग की है, लेकिन सरकार राजी नहीं है. हाल ही में किसानों ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत की थी, जिसमें ऐतिहासिक भीड़ आई थी.
करनाल में इंटरनेट और एसएमएस सेवा 8 सितंबर तक बंद कर दी गई है
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अब मिनी सचिवालय के गेट पर पहुंच गए हैं. अब यहीं धरना शुरू होगा. हम अंदर नही जाएंगे, लेकिन जब तक सरकार नहीं मानती है तब तक बैठे रहेंगे. वहीं, गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा जो कहा था वो कर दिया. कृषि कानून वापस नहीं हुए तो सरकार भी जाएगी और इनके परिवार भी.
करनाल में किसानों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पानी की बौछारें की गई हैं. इससे नाराज किसानों ने डीसी दफ्तर के बाहर डेरा डाल दिया है.
करनाल में किसानों का शांतिपूर्ण मार्च अब उग्र हो गया है. प्रशासन से बातचीत विफल रहने के बाद सचिवालय का घेराव करने निकले किसानों पर पानी की बौछारें शुरू की जा रही हैं. यहां हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. बताया जा रहा है कि प्रदर्शन में शामिल किसानों ने सचिवालय में जबरन घुसने का किया प्रयास था, जिसके बाद प्रशासन ने ये एक्शन लिया.
करनाल में तनावपूर्ण स्थिति देखते हुए जींद में नगूरां गांव के पास किसानों ने जींद-कैथल-चंडीगढ़ हाईवे जाम कर दिया है. इसके अलावा जींद-करनाल हाईवे पर भी किसान बैठ गए हैं.
प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद बड़ी संख्या में किसान नमस्ते चौक से करनाल सचिवालय की ओर कूच करना शुरू कर दिया है. मार्च का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है.
करनाल में प्रदर्शनकारी किसान सचिवालय की तरफ कूच कर चुके हैं. प्रशासन से अब तक बातचीत में कोई समाधान नहीं निकल पाया है. भारी संख्या में किसानों ने सचिवालय की तरफ मार्च शुरू किया है.
भारतीय किसान संघ के महासचिव बद्री नारायण चौधरी ने कहा कि सभी किसानों को समान रूप से लाभकारी मूल्य दिलाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ 8 सितंबर को देश के जिला केंद्रों पर धरना प्रदर्शन करेगा. किसानों के आंदोलन पर सरकार को सहानुभूतिपूर्वक सोचना चाहिए.
योगेंद्र यादव ने कहा है कि प्रशासन के साथ 3 राउंड की बातचीत बेनतीजा रही है. हमने एसडीएम के खिलाफ न्यायोचित कार्रवाई और निलंबन की मांग की है. सरकार उसे मानने के लिए तैयार नहीं है. अब हम महापंचायत में अंतिम निर्णय लेने जा रहे हैं.
करनाल में महापंचायत से पहले किसान संगठनों की प्रशासन के साथ मुलाकात हुई है. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है. करीब 11 प्रतिनिधियों ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया था. किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है, ऐसे में महापंचायत में ही जाएंगे. सरकार चाहे तो हमें गिरफ्तार कर ले, लेकिन महापंचायत में ही बात होगी.
करनाल में नई अनाज मंडी में किसानों ने पहुंचना शुरू कर दिया है. अलग-अलग ज़िलों से किसान अपने जत्थे के साथ पहुंच रहे हैं. किसानों का कहना है कि जो भी किसान संयुक्त मोर्चा के नेता रणनीति बनाएंगे हम उस हिसाब से चलेंगे.
किसानों ने ऐलान किया है कि हर हाल में वो अनाज मंडी से होते हुए जिला सचिवालय की तरफ रुख करेंगे पर रास्ते मे भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. किसानों अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर रहे हैं.
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• राज्य सरकार ने सोमवार दोपहर 12.30 बजे से मंगलवार रात 11.59 बजे तक इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है.
• करनाल के अलावा जींद, कुरुक्षेत्र, कटिहाल, पानीपत में भी इंटरनेट और एसएमएस सेवा बंद रहेगी.
• सुरक्षाबलों की कुल 40 कंपनियों की तैनाती की गई है, साथ ही केंद्रीय सुरक्षाबलों की 10 कंपनी को तैनात किया गया है.
• करनाल में पूरी तरह से धारा 144 लगा दी गई है.
• पुलिस ने अंबाला-दिल्ली हाइवे पर जाम लगने की संभावना जताई है, साथ ही कई जगह डायवर्जन भी हो सकता है.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन एक साल से जारी है. दिल्ली की सड़कों के बाद अब ये प्रदर्शन अलग-अलग राज्यो तक पहुंच रहा है. किसानों ने कानून वापसी की मांग की है, लेकिन सरकार राजी नहीं है. मुजफ्फरनगर के बाद हरियाणा में महापंचायत हो रही है.
हरियाणा सरकार का कहना है कि किसी भी तरह की स्थिति के लिए वह तैयार हैं. सोमवार दोपहर 12.30 से मंगलवार रात 11.59 तक पांच जिलों में इंटरनेट बंद है. कई जगहों पर रास्तों को भी डायवर्ट किया जा सकता है.