
गुरुग्राम की मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस में पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. इस केस में कुछ ऐसी बातें भी सामने आई हैं, जो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रही हैं. इसमें पहली बात ये है कि दिव्या की लाश होटल के रूम नंबर-111 में थी, जबकि पुलिस ने रूम नंबर-114 को चेक करके फॉर्मेलिटी पूरी की और थाने लौट गई.
दरअसल, 2 जनवरी को पुलिस को रात 9 बजे सूचना मिली कि The City Point Hotal के रूम नंबर-114 में दिव्या पाहुजा की हत्या हुई है. पुलिस मौके पर पहुंची और होटल के कमरा नंबर-114 को खंगाला. मगर, वहां लाश नहीं थी. इसके बाद पुलिस वापस लौट गई. बस यही वक्त हत्यारोपी अभिजीत के लिए अहम था.
रवि बांगा के साथ शव लेकर फरार हो गया बलराज
उसने दिव्या के शव को हेमराज और ओमप्रकाश के साथ मिलकर चादर और कंबल में लपेटा. फिर BMW में रखकर दिल्ली साउथ एक्स फोन किया. बलराज गिल व रवि बांगा को मौके पर बुलाया और शव को ठिकाने लगाने के मकसद से BMW की चाबी बलराज को दी. बलराज रवि बांगा के साथ शव लेकर फरार हो गया.
5 बजे हत्या और 9 बजे पुलिस को दी गई सूचना
दिव्या की हत्या 2 जनवरी की शाम 5 बजे की गई. इसकी जानकारी गुरुग्राम पुलिस को रात 9 बजे दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची भी लेकिन औपचारिकता करके लौट गई. अगर, सही से होटल के कमरे और सीसीटीवी कैमरे चेक किए होते तो शायद कातिल को इतना समय न मिल पाता.
सीसीटीवी चेक किए गए तो पुलिस के होश उड़ गए
डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह का कहना है कि दिव्या की बहन ने पुलिस को बताया कि बहन से आखिरी बार हुई बातचीत में उसने होटल का जिक्र किया था. जब वो होटल में पहुंची तो किसी ने कमरे में नहीं जाने दिया. न ही सीसीटीवी फुटेज देखने दिए.
रात करीब डेढ़ बजे सेक्टर-14 थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कमरा नंबर-114 और अन्य कमरों को चेक किया. इस दौरान जब सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए तो गुरुग्राम पुलिस के भी होश उड़ गए. हत्यारोपी अभिजीत सिंह बहन के शव को होटल के गलियारे से घसीटते हुए गाड़ी में रखकर ठिकाने लगाने के लिए चाबी बलराज और रवि बांगा को दे चुका था.
शव को ठिकाने लगाने के लिए 10 लाख दिए
डीसीपी क्राइम ने बताया कि अभिजीत सिंह होटल का मालिक था, लिहाजा कमरा नंबर-114 उसके लिए बुक रहता था. 2 जनवरी की सुबह अभिजीत और दिव्या के साथ एक अन्य शख्स भी था. लिहाजा अभिजीत और दिव्या रूम नंबर-111 में रुके. दूसरा व्यक्ति रूम नंबर-114 में रुका.
2 जनवरी की शाम 5 बजे उसने दिव्या के सिर के बीचो-बीच गोली मार हत्या कर दी. फिर नशे की हालत में अभिजीत रिसेप्शन पर पहुंचा और वहां मौजूद अनूप से कहा कि पुलिस को फोन करके बताओ कि युवती की लाश 114 नंबर रूम में पड़ी है. उधर, आरोपी ने शव को ठिकाने लगाने की योजना पर काम करना शुरू किया.
उसने दिल्ली के साउथएक्स से अपने खासमखास पंजाब मोहाली के रहने वाले बलराज गिल और हिसार के रहने वाले रवि बांगा को गुरुग्राम बुलाया. BMW की चाबी दी और शव को ठिकाने लगाने के लिए 10 लाख दिए. इसके बाद बलराज और रवि गाड़ी और शव मौके से लेकर फरार हो गए.
पेट्रोल मंगवाकर खून के धब्बों को साफ करवाया
इसके बाद पेट्रोल मंगवाकर होटल के कमरे और गलियारे से खून के धब्बों को साफ भी करवाया. दिव्या पाहुजा 25 जुलाई 2023 को जमानत पर जेल से रिहा हुई थी. जेल में बंद गैंगस्टर बिंदर गुर्जर के कहने पर वो अभिजीत से मिली थी. हत्यारोपी अभिजीत सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया है कि जमानत पर बाहर आने के बाद दिव्या ने मुंबई की जेल बंद में गैंगस्टर बिंदर गुर्जर से उसकी बात करवाई थी.
दिव्या और अभिजीत 3 महीने से एक-दूसरे के संपर्क में थे और लिवइन पार्टनर के तौर पर रह रहे थे. इसी दौरान दिव्या ने अभिजीत के अश्लील वीडियो और फोटो मोबाइल कैमरे में कैद कर ली. इसके बाद उसने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. इससे तंग आकर उसने दिव्या की गोली मारकर हत्या कर दी.
डीसीपी का कहना है कि हत्या में प्रयुक्त BMW गाड़ी को पटियाला बस अड्डे से बरामद किया गया है, उसकी डिग्गी खुलवाने का प्रयास जारी है. उन्होंने ये भी बताया कि अभिजीत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. वो किसी बड़ी कंपनी में बड़े ओहदे पर काम भी कर चुका है.