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गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, पॉप-अप के जरिए वायरस भेज करते थे वसूली, 13 गिरफ्तार

गुरुग्राम में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जो माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट के नाम पर कनाडा के नागरिकों को तकनीकी सहायता देने का झांसा देकर ठग रहा था. ये लोग पॉप-अप के जरिए कनाडा के नागरिकों के कंप्यूटर में वायरस भेजते और फिर उसे ठीक करने के नाम पर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे. ठगी की रकम 300 से 500 अमेरिकी डॉलर के बीच होती थी.

यह सांकेतिक तस्वीर है यह सांकेतिक तस्वीर है
aajtak.in
  • गुरुग्राम,
  • 22 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:54 PM IST

दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जो माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट के नाम पर कनाडा के नागरिकों को तकनीकी सहायता देने का झांसा देकर ठग रहा था. इस मामले में पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कॉल सेंटर का टीम लीडर भी शामिल है. 

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह फर्जी कॉल सेंटर गुरुग्राम के सुशांत लोक फेज-3 में एक किराए के मकान से संचालित किया जा रहा था. गुरुग्राम साइबर अपराध यूनिट के एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपी माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट सेवा के नाम पर विदेशी नागरिकों को ठगते थे. 

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ये लोग पॉप-अप के जरिए कनाडा के नागरिकों के कंप्यूटर में वायरस भेजते और फिर उसे ठीक करने के नाम पर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे. ठगी की रकम 300 से 500 अमेरिकी डॉलर के बीच होती थी, जिसे गिफ्ट वाउचर के माध्यम से लिया जाता था.

पुलिस की छापेमारी और सबूत

पुलिस ने शुक्रवार रात छापा मारकर इस गिरोह को पकड़ा. पुलिस के मुताबिक, जब वो पहुंचे, तब कॉल सेंटर में काम करने वाले लोग कंप्यूटर पर व्यस्त थे और अंग्रेजी में कॉल कर रहे थे. मौके से 12 लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं.

पुलिस जांच में पता चला कि यह कॉल सेंटर किसी भी प्रकार का वैध ओएसपी (आउटसोर्सिंग सर्विस प्रोवाइडर) लाइसेंस नहीं रखता था, जो कि दूरसंचार विभाग द्वारा जारी किया जाता है. इसके अलावा, इनके पास कोई अन्य वैध दस्तावेज भी नहीं मिले, जो उनके कार्य को कानूनी ठहरा सकें.

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कर्मचारियों को मिलती थी 30,000 सैलरी

पुलिस के अनुसार, इस फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को हर महीने 30,000 का वेतन दिया जाता था. फिलहाल, साइबर थाने (दक्षिण) में भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की आगे जांच की जा रही है.

 

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