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ऑनलाइन गेम खेलने वाले हो जाएं सावधान! साइबर ठग इस तरीके से बना सकते हैं निशाना, गुरुग्राम में पकड़ा गया रैकेट

साइबर ठग (Cyber thug) अब ऑनलाइन गेम (Online game) खेलने वालों को निशाना बना रहे हैं. ये जालसाज ऑनलाइन गेमिंग में ज्यादा प्रॉफिट का लालच देते हैं और अलग-अलग कंपनियों में गेम खिलाने व इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं. साइबर क्राइम यूनिट ने छापेमारी कर 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 28 मोबाइल फोन व 3 लैपटॉप बरामद हुए हैं.

पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठग. पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठग.
नीरज वशिष्ठ
  • गुरुग्राम,
  • 03 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

अगर आप भी ऑनलाइन गेम (Online game) खेलते हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. साइबर ठगों ने क्रिमिनल्स ने गेम के नाम पर ठगी का नया रास्ता अख्तियार किया है. साइबर क्राइम यूनिट ने ऑनलाइन गेमिंग (Online gaming) में ज्यादा प्रॉफिट कराने के नाम पर गेम खिलाने और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. साइबर टीम ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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आरोपियों की पहचान सुनील कुमार उर्फ सोनू (संचालक), पवन, अर्शदीप, तरुण, पारसदीप , दीपक, हिमांशु व राजेंद्र के रूप में हुई है. एसीपी प्रियांशु दीवान का कहना है कि इस बारे में सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम गठित की गई और बताए गए स्थान पर छापेमारी की. ये ऑफिस फर्जी तरीके से चलाया जा रहा था. ये लोग अलग-अलग गेम खिलाकर इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे थे.

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एसीपी ने बताया कि सुनील उर्फ सोनू धोखाधड़ी के इस रैकेट का संचालक है. वह अपने अन्य साथियों के साथ इस रैकेट को चलाता है. इस रैकेट का एक सदस्य श्रीलंका से इस तरह की अवैध गतिविधियां चलाता है. गिरफ्तार आरोपी सुनील ने सभी को सैलरी पर रखा हुआ था. ठगी की राशि में से कमीशन के तौर पर 2 प्रतिशत देता है. यह लोग बीते एक साल से अपने एक अन्य साथी और आरोपियों के साथ मिलकर ठगी कर रहे हैं.

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आरोपी खुद को विभिन्न कंपनियों के कर्मचारी बताकर लोगों से बातचीत करते थे और ऑनलाइन गेमिंग व इन्वेस्टमेंट के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लेते थे. ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए गेमिंग-इन्वेस्टमेंट के लिए वेबसाइट लिंक, बैंक खाता आदि एक अन्य साथी उपलब्ध करवाता था.

पुलिस ने छापेमारी के दौरान 28 मोबाइल व 3 लैपटॉप बरामद किए हैं. साइबर क्राइम यूनिट आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है. रिमांड के दौरान साइबर क्राइम टीम आरोपियों से पता लगाने का प्रयास करेगी कि इन लोगों ने कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की है.

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