Advertisement

बिजली कटौती की मार, साइबर सिटी गुरुग्राम के कारोबारियों की गुहार- 11-11 घंटे लाइट नहीं, बंद करनी पड़ेंगी फैक्ट्रियां

भीषण गर्मी और कोयले की कमी के चलते दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश समेत देश के तमाम राज्यों में बिजली संकट पैदा हो गया है. अघोषित बिजली कटौती से आम लोगों के साथ-साथ उद्योगपति भी परेशान हैं. कई जगहों पर 11-11 घंटे की कटौती हो रही है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • गुरुग्राम,
  • 02 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST
  • गुरुग्राम में औसतन हर रोज हो रही 11-11 घंटे की कटौती
  • इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने सरकार से की बिजली सप्लाई की मांग

देशभर में भीषण गर्मी का कहर जारी है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश समेत देश के तमाम राज्यों में अघोषित बिजली कटौती आग में घी डालने का काम कर रही है. देश के तमाम हिस्सों में हो रही बिजली कटौती के पीछे कोयले की कमी को प्रमुख वजह माना जा रहा है. अब बिजली कटौती से न सिर्फ जनता बल्कि कारोबारी और व्यापारी भी परेशान हो रहे हैं. 

Advertisement

गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन का कहना है कि अघोषित बिजली कटौती से भारी नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं एसोसिएशन ने स्पेशल पावर सप्लाई की मांग की है, ताकि उनके उद्योग चल सकें. साथ ही एसोसिएशन की ओर से बिजली की निश्चित दरों में भी कटौती की मांग की है.

इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने देश में बढ़ रहे बिजली संकट पर अहम बैठक बुलाई है जो कुछ देर में शुरू होने वाली है. मीटिंग में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी आदि अधिकारी शामिल होंगे.

दूसरी तरफ गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चीफ जेएन मंगला ने कहा, इन उद्योगों में मशीनों को बिना रुके चलना होता है. लेकिन बिजली कटौती के चलने से मशीनें रुक जाती हैं, इसके चलते हमें नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

उन्होंने कहा, औसतन हर रोज 11-11 घंटे की कटौती की जा रही है. इससे खासकर छोटी यूनिट को चलाना लगभग असंभव हो गया है. उन्होंने बताया कि एसोसिएशन से कहा गया है कि बिजली की स्थिति 15 मई के बाद ठीक होगी. 
 
मंगला ने कहा, कई उद्योग 15 दिन तक ऐसी स्थिति का सामना नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, न सिर्फ उद्योग बल्कि आईटी कंपनियां जो रात में अपने विदेशी क्लाइंट के लिए काम करती हैं, उन्हें भी इस स्थिति का सामना करने में काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि उद्योगों से बिजली बिल के अलावा 15,000 रुपए फिक्स्ड चार्ज के तौर पर वसूला जाता है. लेकिन अगर बिजली नहीं आ रही है, तो इसे नहीं लिया जाना चाहिए.

Advertisement

राजनीति भी शुरू हुई

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने बिजली संकट के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. सरकार अदूरदर्शिता का परिणाम है कि राज्य आज बिजली संकट का सामना कर रहा है. 
 
उन्होंने फरीदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, हरियाणा के लोग बिजली संकट की वजह से परेशानी में हैं. उन्होंने कहा, यही वजह है कि आज का ये कार्यक्रम बिजली संकट के खिलाफ रैली में तब्दील हो गया है. 

भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, कांग्रेस सरकार में राज्य में चार पावर प्लांट और 1 न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना की गई थी. हम हरियाणा में बिजली की उपलब्धता को  4,000 से 11000 MW तक ले गए थे. हरियाणा में अभी सिर्फ 8,000-8,500 MW की मांग है, लेकिन सरकार 8 साल सत्ता में रहने के बाद भी इस मांग को पूरा नहीं कर पा रही है.

देश के कई राज्य बिजली संकट से जूझ रहे

देश में दिल्ली, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल समेत कई राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. भीषण गर्मी और कोयला की कमी को बिजली संकट के पीछे मुख्य वजह बताया जा रहा है. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (CEA) की डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट में कहा गया है कि 165 थर्मल पावर प्लांट्स में से 56 में 10 फीसदी या उससे कम कोयला बचा है और कम से कम 26 के पास 5 फीसदी से कम स्टॉक बचा है. भारत की 70 फीसदी बिजली की मांग कोयले से पूरी होती है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement