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'खनौरी बॉर्डर पर धरने से केंद्र को हो रहा फायदा', किसान महापंचायत में बोले राकेश टिकैत

फतेहाबाद के टोहाना में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता पहुंचे और किसान आंदोलन को लेकर मंथन किया गया. इस बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह उगराहा, हरियाणा के किसान नेता जोगिंदर नैन सहित कई किसान नेता शामिल हुए.

किसान नेता राकेश टिकैत. (फाइल फोटो) किसान नेता राकेश टिकैत. (फाइल फोटो)
जितेंद्र मोंगा
  • फतेहाबाद,
  • 04 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

हरियाणा के फतेहाबाद में शनिवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने से भारत सरकार को फायदा हो रहा है. इससे पंजाब सरकार को नुकसान हो रहा है और सड़के बंद होने से सिख समुदाय परेशान है. उन्होंने कहा कि इसलिए केंद्र सरकार नहीं चाहती कि खनौरी बॉर्डर का धरना अभी खत्म होना चाहिए. 

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दरअसल, फतेहाबाद के टोहाना में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता पहुंचे और किसान आंदोलन को लेकर मंथन किया गया. इस बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह उगराहा, हरियाणा के किसान नेता जोगिंदर नैन सहित कई किसान नेता शामिल हुए.

दिल्ली को चारों तरफ से जाम किया जाएगा: टिकैत 

इस महापंचायत में राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित किया और कहा कि इस बार जब किसान आंदोलन होगा तो किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे. लेकिन दिल्ली को अंदर से घेरने की बजाय केएमपी को घेरा जाएगा. ताकि दिल्ली चारों ओर से जाम हो सके. फिलहाल आंदोलन का समय निर्धारित नहीं किया गया है. किसानों की पंचायत जारी रहेगी और जब भी किसान आंदोलन होगा तो किसानों को सूचना मिल जाएगी.

खनौरी बॉर्डर पर धरने से केंद्र को हो रहा फायदा

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मीडिया से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार एमएसपी के नाम पर किसानों को बेवकूफ बना रही है. सरकार उन पर एमएसपी देने की बात कहती है, जिन फसलों की यहां पैदावार ही नहीं होती. खनौरी बॉर्डर पर जो किसानों का धरना चल रहा है, उससे केंद्र सरकार को फायदा हो रहा है. इससे पंजाब सरकार की छवि खराब हो रही है और सड़के जाम होने से सिख समाज के कुछ लोग इस धरने से नाराज हैं. इसलिए केंद्र सरकार चाहती है कि यह धरना लंबा चले.

राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अलग-अलग तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं. 700 के करीब पूरे भारत में किसान संगठन हैं और वह लगे हुए हैं. जब भी दिल्ली में आंदोलन होगा तो सभी किसान संगठन एक साथ नजर आएंगे और सभी मिलकर आंदोलन करेंगे.

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