
हाई प्रोफाइल केस होने के बावजूद रेप और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को जेल से छुट्टियां मिलती रहती है. कानूनी भाषा में इसे पैरोल, फरलो कहा जाता है.
पिछले एक साल में वह तीन बार जेल से बाहर आ चुका है. खास बात यह है कि उसके जेल से बाहर आने और हरियाणा में चुनावों का बड़ा कनेक्शन है. पिछले दो बार जब वह बाहर आया था तो भी कोई न कोई चुनाव था इस बार भी हरियाणा में पंचायत चुनाव की बिसात बिछ चुकी है. इससे पहले फरवरी में जब राम रहीम 21 दिनों के फरलो पर बाहर आया था उस वक्त पंजाब में विधानसभा चुनाव चल रहा था. बता दें कि राम रहीम के समर्थकों की मंडली हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में फैली हुई है.
हरियाणा सरकार हर बार कहती है कि राम रहीम को जेल से छुट्टी नियमों के मुताबिक मिलती है, लेकिन विपक्ष का कहना है बाबा राम रहीम चुनावों को प्रभावित करते हैं. अगर साल 2022 में राम रहीम को जेल से मिली छुट्टियों का चुनाव की तारीखों से मिलान करें तो लगता है कि राम रहीम हरियाणा की खट्टर सरकार का चुनावी इक्का बन गया है.
वहीं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि पैरोल जेल विभाग द्वारा दी जाती है. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर करनाल का कोई व्यक्ति गुरमीत राम रहीम पर विश्वास करता है और उसे देखने गया है, तो इससे आदमपुर उपचुनाव का क्या संबंध है? बता दें कि पैरोल और फरलो शर्तों के साथ जेल से बाहर आने के प्रावधान हैं. पैरोल किसी खास उद्देश्य के लिए दिया जाता है, जबकि फरलो कारावास से सामान्य छुट्टी है.
बता दें कि सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अगस्त 2017 में रेप और हत्या के मामलों में 20 साल की सजा सुनाई है. इसी केस में वह सुनारिया जेल में बंद है.
सजा होने के बाद राम रहीम पैरोल और फरलो के जरिए पिछले 5 सालों में 6 बार बाहर आ चुका है. अगर 2022 की बात करें तो उसे तीन बार जेल से छुट्टी मिल चुकी है.
पहली बार
राम रहीम को इस साल पहली बार फरलो तब मिला जब पंजाब का चुनाव चल रहा था. तब 21 दिनों के लिए (7 से 27 फरवरी) राम रहीम को फरलो मिला था. इसी बीच 20 फरवरी को पंजाब का चुनाव था.
दूसरी बार
इसके बाद जून 17 को राम रहीम को हरियाणा जेल विभाग ने 30 दिनों के लिए पैरोल दे दिया. बता दें कि 17 जून को राम रहीम को पैरोल मिला था और 19 जून को हरियाणा के 46 निकायों का चुनाव था.
तीसरी बार
14 अक्टूबर को हरियाणा सरकार ने राम रहीम की पैरोल की याचिका को फिर से स्वीकार कर लिया और उसे 40 दिन की छुट्टी मिल गई है. इस बीच 3 नवंबर को हरियाणा के आदमपुर विधानसभा में उपचुनाव होने हैं. यही नहीं 12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनावों के लिए वोट डाले जाएंगे.
हरियाणा के इन इलाकों में राम रहीम के समर्थक
राम रहीम को पैरोल मिलने पर कांग्रेस नेता उदित राज ने सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आदमपुर में उपचुनाव को देखते हुए 40 दिन का पैरोल दिया. उदित राज ने कहा कि भाजपा क्यों नही राम रहीम को ही चुनाव लड़ा देती है ताकि लुका छुपीकर वोट लेना ही न पड़े. उदित राज ने कहा कि भाजपा राम रहीम के पैरोल पर कहती है कि उसे कानून के अनुसार पैरोल दिया गया है. वोट का फायदा रामपाल और आसाराम से मिले तो उन्हें भी कानूनन पैरोल मिल जायेगा.
बता दें कि राम रहीम के अच्छे खासे समर्थक पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं. राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय सिरसा में है. जहां इसका अच्छा प्रभाव है. इसके अलावा हिसार, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल और पंचकुला में राम रहीम के समर्थकों की अच्छी तादाद है. पंजाब के मालवा क्षेत्र में भी राम रहीम के समर्थकों का जमावड़ा है.