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राम रहीम केस: पंजाब-हरियाणा में खाली कराए 200 आश्रम, हिंसा की जांच SIT को

कोर्ट में कुछ वकीलों ने ह्यूमन राइट्स का मुद्दा भी उठाया और कहा कि दंगा कर रहे लोगों के सिर, छाती और चेहरे पर गोली मारी गई हैं जबकि दंगा कर रहे लोगों को रोकने के लिए उनके पैरों को निशाना बनाया जा सकता था.

पुलिस एक्शन पर भी सवाल पुलिस एक्शन पर भी सवाल
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 29 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 8:01 AM IST

डेरा प्रमुख राम रहीम पर फैसले के बाद भड़की हिंसा पर हाईकोर्ट सख्ता रवैया अपनाए हुए है. पंजाब सरकार ने कोर्ट में जानकारी दी कि उन्होंने अब तक 85 आश्रम खाली करवा लिए हैं. वहीं हरियाणा सरकार ने जानकारी दी कि उन्होंने 103 नाम चर्चा घर खाली करवा लिए हैं और ये नाम चर्चा घर अब पुलिस की निगरानी में हैं. हाई कोर्ट ने सरकार के अफसरों की लापरहवाही पर भी सरकार से सवाल किए हैं. कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि हिंसा भड़कने में अफसरों का कितना और क्या रोल रहा है इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए.

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सरकार की लापरवाही की जांच के लिए हाईकोर्ट ने तमाम FIR की जांच एक एसआईटी से करवाने के आदेश दिए हैं. वहीं हाईकोर्ट में एमेक्स क्यूरी और कुछ वकीलों ने ह्यूमन राइट्स का मुद्दा भी उठाया और कहा कि दंगा कर रहे लोगों के सिर, छाती और चेहरे पर गोली मारी गई हैं जबकि दंगा कर रहे लोगों को रोकने के लिए उनके पैरों को निशाना बनाया जा सकता था.        

हाई कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा की तरफ से दिए गए मुआवजे की दावेदारी पर भी सुनवाई की और इन दावों की विस्तृत जानकारी के साथ हाईकोर्ट के पास जमा करने को कहा है. हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस से भी पूछा कि अगर भविष्य में इस तरह से ऐसे ही भीड़ आ जाती है तो उस पर पुलिस क्या एक्शन ले सकती है. हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि डेरा सच्चा सौदा की कोई भी प्रॉपर्टी अटैच नहीं की गई है सिर्फ उस संपत्ति की जानकारी मांगी गई है. हाईकोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि हाईकोर्ट की तरफ से इस सुनवाई के दौरान किसी भी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है.

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