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गुरुग्राम कोर्ट में पेश हुए जैक मा के वकील, UC वेब के खिलाफ कार्रवाई पर 11 अगस्त को सुनवाई

कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 अगस्त रखी है. शिकायतकर्ता की ओर से कोर्ट से यूसी वेब की भारत में प्रॉपर्टी पर स्थगन आदेश (स्टे ऑर्डर) की मांग वाली अर्जी पर कोर्ट 11 अगस्त को सुनवाई करेगा.

अलीबाबा कंपनी के संस्थापक जैक मा (फाइल फोटो) अलीबाबा कंपनी के संस्थापक जैक मा (फाइल फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

  • फेक न्यूज मामले में जैक मा को समन
  • कंपनी के पुराने कर्मचारी ने की शिकायत
चीनी कंपनी अलीबाबा के एक पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर कंपनी मालिक जैक मा को गुरुग्राम कोर्ट से हुए समन के मामले में गरुवार को सुनवाई हुई. इस केस में गुरुग्राम कोर्ट में कुल 15 में से 10 पार्टियों की तरफ से वकील पेश हुए. करीब 12 बजे जब सुनवाई शुरू हुई, तब सिर्फ 5 पार्टियों के लिए वकील पेश हुए थे. जैक मा, अलीबाबा कंपनी और अलीबाबा कंपनी के मौजूदा चेयरमैन की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ था.

कोर्ट के कहने पर बचाव पक्ष के वकीलों ने अलीबाबा कंपनी में बात की और फिर लंच के बाद दोबारा सुनवाई शुरू होने पर 5 और पार्टियों की तरफ से कोर्ट में वकील पेश हुए. इसमें जैक मा, अलीबाबा कंपनी, अलीबाबा कंपनी के मौजूदा चैयरमेन डेनियल जियांग, यूसी ब्राउजर के फाउंडर और तत्कालीन डायरेक्टर ही शाओपेंग और कंपनी के मौजूदा डायरेक्टर यू योंगफू के नाम शामिल हैं.

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सुनवाई में 10 बचाव पक्ष के वकीलों ने बाकी पांच पार्टियों की तरफ से कोर्ट में प्रतिनिधि न होने की बात कही, जिनमें यूसी वेब इंडिया की एचआर मैनेजर आकांक्षा भाटिया, यूसी वेब सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड, यूसी वेब इंक, यूसी मोबाइल न्यू वर्ल्ड लिमिटेड, यूसी मोबाइल इंटरनेशनल लिमिटेड के नाम शामिल हैं. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीफ 11 अगस्त रखी है. शिकायतकर्ता की ओर से कोर्ट से यूसी वेब की भारत में प्रॉपर्टी पर स्थगन आदेश (स्टे ऑर्डर) की मांग वाली अर्जी पर कोर्ट 11 अगस्त को सुनवाई करेगा.

शुरू में कुल 15 पार्टियों में से सिर्फ 5 की तरफ से एक ही लॉ फर्म पेश हुई. जिन 5 के लिए लॉ फर्म पेश हुई, उनमें से 2 भारतीय, 2 चीनी अधिकारी और पांचवा यूसी वेब मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड का नाम है. कोर्ट ने बचाव पक्ष की लॉ फर्म से कहा कि जब आप मान रहे हैं कि ये सभी प्रतिवादी (Defandants) एक ही ग्रुप कंपनी से जुड़े हुए हैं, तो फिर आप सभी की तरफ से क्यों नहीं पेश हो जाते.

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कोर्ट ने समय दिया है कि लंच तक लॉ फर्म सभी 15 पार्टियों से पूछकर कोर्ट को बताए कि यह लॉ फर्म सभी की तरफ से यह केस लड़ेगी या फिर सिर्फ 5 पार्टियों की तरफ से, ताकि कोर्ट का कीमती समय बच सके और जल्दी केस आगे बढ़ सके. कोर्ट ने पूछा कि आप अलीबाबा कंपनी और जैक मा की तरफ से भी पेश क्यों नहीं हो जाते. इस पर लॉ फर्म ने कहा कि अभी उनके पास अधिकार नहीं है.

क्या है मामला

बता दें कि कोर्ट ने जैक मा के एक पूर्व कर्मचारी की उस अर्जी पर समन किया था, जिसमें कहा गया है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए फेक न्यूज दिखाती आ रही थी. यूसी वेब कंपनी के गुरुग्राम दफ्तर में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर काम कर चुके चुके पुष्पेंद्र सिंह परमार ने आरोप लगाया है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में फेक न्यूज फैला रही थी.

परमार का आरोप है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उनको नौकरी से निकाल दिया गया. पुष्पेंद्र परमार ने बताया है कि साल 2017 में इस वेबसाइट ने खबर दिखाई कि आधी रात से 2000 रुपये के नोट भारत में बंद हो जाएंगे. इसी तरह एक बार वेबसाइट पर फर्जी खबर चलाई गई कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है.

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