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हरियाणा के इस गांव में लाश को घर में दफनाने के लिए मजबूर ग्रामीण, जानें वजह

हरियाणा के चरखी दादरी के गांव गुडाना में मुस्लिम समाज के लोगों को कब्रिस्तान की जमीन न होने से शव अपने घरों के परिसर में दफनाने पड़ रहे हैं। चकबंदी का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अब वे शव लेकर अधिकारियों के दरवाजे प्रदर्शन करेंगे

कब्रिस्तान जगह को लेकर विवाद कब्रिस्तान जगह को लेकर विवाद
प्रदीप कुमार साहू
  • चरखी दादरी,
  • 26 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:05 PM IST

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव गुडाना में मुस्लिम समाज के करीब 50 परिवारों के लिए कब्रिस्तान की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है. गांव में चकबंदी का मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण ना तो कब्रिस्तान के लिए जमीन उपलब्ध है और ना ही श्मशान घाट की व्यवस्था हो पाई है. इसके चलते पीड़ित परिजनों को अपने घरों के परिसर में ही शव दफनाने पड़ रहे हैं.

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गांव के लोग कई बार अधिकारियों और मंत्रियों से कब्रिस्तान के लिए जमीन की मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. परेशान ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अब यदि परिवार में किसी की मृत्यु होती है, तो वे शव लेकर अधिकारियों के दरवाजे पर प्रदर्शन करेंगे.

घर के आंगन में दफनाने पड़ रहे हैं शव 

मुस्लिम समाज के लोगों ने बताया कि घर परिसर में कब्रों के बीच रहना उनके लिए मानसिक तनाव का कारण बन गया है. ग्रामीण कर्मबीर खान, रफीक, अब्दुल रहीम और जितेंद्र पंच ने कहा कि हाल ही में एक बुजुर्ग महिला का शव तीन दिन तक दफनाने के लिए जगह नहीं मिली. आखिरकार उसे घर परिसर में ही दफनाया गया. अब तक प्लॉट में दर्जनभर शव दफनाए जा चुके हैं.

मुस्लिम समाज के लोगों ने दी प्रदर्शन की चेतावनी

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गांव के सरपंच रविंद्र कुमार ने बताया कि गांव में जमीन की चकबंदी नहीं हुई है और यह मामला चार साल से हाईकोर्ट में लंबित है. कोर्ट से सुनवाई की अगली तारीख फरवरी 2025 में है. खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी स्वाति अग्रवाल ने भी कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए फिलहाल कोई स्थाई समाधान नहीं हो सकता. ग्रामीणों का कहना है कि अब कब्रिस्तान और श्मशान घाट की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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