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'हिमाचल में मंदिर ट्रस्टों से फंड मांग रही सुक्खू सरकार', बीजेपी का दावा, सीएम ने किया पलटवार

बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ सुक्खू सरकार सनातन धर्म का विरोध करती है, हिंदू विरोधी बयान देती है और दूसरी तरफ मंदिरों से पैसे लेकर अपनी फ्लैगशिप योजनाएं चलाना चाहती है. मंदिरों और ट्रस्टों से जुड़े लोग ही नहीं, आम जनता को भी इस फैसले का विरोध करना चाहिए.

सुखविंदर सुक्खू और जयराम ठाकुर (फाइल फोटो) सुखविंदर सुक्खू और जयराम ठाकुर (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • शिमला,
  • 28 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

हिमाचल प्रदेश में मंदिर ट्रस्टों से सरकारी योजनाओं के लिए फंड जुटाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार अब मंदिरों के चढ़ावे पर नजर गड़ाए हुए है और मंदिर ट्रस्टों से कल्याणकारी योजनाओं के लिए धनराशि मांगी जा रही है.

बीजेपी के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पलटवार करते हुए सफाई दी है, उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्टों से मिलने वाला योगदान स्वैच्छिक है और यह फंड मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों के लिए सुविधाएं विकसित करने में खर्च किया जाएगा.

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वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर हमला बोलते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सरकार को घेरा. उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर ट्रस्टों पर जल्द से जल्द पैसा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ सुक्खू सरकार सनातन धर्म का विरोध करती है, हिंदू विरोधी बयान देती है और दूसरी तरफ मंदिरों से पैसे लेकर अपनी फ्लैगशिप योजनाएं चलाना चाहती है. मंदिरों और ट्रस्टों से जुड़े लोग ही नहीं, आम जनता को भी इस फैसले का विरोध करना चाहिए.

योजनाएं चलाने के लिए मंदिरों से फंड मांग रही सरकार: जयराम ठाकुर

बीजेपी नेता ने एक वीडियो संदेश जारी कर इसे बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया. उन्होंने कहा कि अब तक मंदिरों से पैसे केवल आपदाओं के समय ही लिए जाते रहे हैं, लेकिन अब सरकार योजनाओं को चलाने के लिए मंदिरों से फंड मांग रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सिर्फ फंड मांगने का आदेश ही नहीं दिया है, बल्कि लगातार फॉलो-अप भी लिया जा रहा है. जनता को इस फैसले का खुलकर विरोध करना चाहिए.

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मंदिर ट्रस्टों को भेजा गया था पत्र

बता दें कि पिछले महीने प्रदेश के संस्कृति विभाग ने मंदिर ट्रस्टों को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना और मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के लिए आर्थिक सहयोग देने की अपील की थी. सुख आश्रय योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों, बेसहारा महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है.

बीजेपी के आरोपों पर मुख्यमंत्री का पलटवार 

बीजेपी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले भी बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मंदिर ट्रस्टों से फंड लिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. पहले भी ऐसा होता रहा है. विपक्ष को आदत है बेवजह निशाना साधने की. हमारी सरकार का मकसद अनाथ बच्चों और ज़रूरतमंदों के लिए सुविधाएं जुटाना है. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यह योगदान पूरी तरह स्वैच्छिक है और इसका इस्तेमाल जनकल्याणकारी कार्यों में किया जाएगा. 

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